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    छठ महापर्व: खरना के बाद शुरू हुआ 36 घंटे का कठिन उपवास, दिल्ली में पूजा के लिए 150 से अधिक घाट तैयार

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:38 PM (IST)

    दिल्ली में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। खरना के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है। आज शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। यमुना घाटों और कृत्रिम घाटों पर विशेष तैयारी की गई है। छठ पूजा के लिए दिल्ली में 150 से अधिक घाट तैयार किए गए हैं।

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    छठ पर निर्जला उपवास रहकर को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लोक आस्था के महापर्व छठ में दूसरे दिन रविवार को खरना के साथ व्रतियों का 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास शुरू हो गया। आज शाम सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। जबकि, मंगलवार को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर यह व्रत संपन्न होगा।

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    खरना में व्रती महिलाओं ने पूरे विधि-विधान व शुद्धता के साथ चूल्हे पर प्रसाद बनाया और रात को भोजन ग्रहण किया। इसके बाद से ही उनका निर्जला उपवास शुरू हो गया। महापर्व पर दिल्ली का अधिकांश भाग आस्था, भक्ति और उत्साह से सराबोर है। खासकर पूर्वांचलवासियों के घरों से मधुर छठ मईया के गीत माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं। इसी तरह से परंपरागत प्रसाद व ठेकुए की खुशबू आ रही है।

    आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगी व्रती महिलाएं

    यमुना घाट व कृत्रिम घाटों के साथ ही कई स्थानों पर घरों में व्रती महिलाएं आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। साथ ही भगवान भाष्कर और छठ मां की पूजा कर प्रसाद का भोग लगाएंगी। इसके लिए विभिन्न जगहों पर भव्य कृत्रिम घाट भी बनाए गए हैं।

    फिर मंगलवार की सुबह भी व्रती महिलाएं उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलेंगी। छठ पर्व को लेकर रविवार को भी दिल्ली में छठ की पूजा सामग्री के लिए फल व अन्य वस्तुओं को खरीदने वाले उमड़े रहे। आस्था में सरोबार कई व्रती नंगे पैर बाजारों में खरीदारी को पहुंचे।

    छठ पूजा समिति के अध्यक्ष शिवाराम पांडेय ने बताया कि घरों में सुबह से ही खरना की तैयारी चल रही थी। घर की व्रती महिलाओं ने शुद्ध तरीके से चूल्हे पर रसिया (गुड़ की खीर) पकाई। जिसमें चावल या दरदरा गेहूं, दूध, गुड़, इलायची व पानी का प्रयोग हुआ।

    जिसे बनाने के बाद उन्होंने भोजन किया और देर शाम से ही व्रत शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इस दौरान महिलाएं पानी भी नहीं पी सकती हैं। इसी तरह, प्रसाद के रूप में पूड़ी भी बनाई गई।

    वहीं, आज सुबह से ठेकुआ, मिठाई, फल-फूल को बांस की टोकरी में सजाएंगी और शाम साढ़े चार बजे के आस-पास महिलाएं अपने परिवार संग बांस की टोकरी और पूजा के सामान लेकर कृत्रिम घाटों, तालाबों और कुंडों पर पहुंचेंगी। जहां तय बेदी पर पूजा सामग्री रखकर सूर्य पुत्री यमुना से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।

    दिल्लीभर में छठ पूजा के लिए 150 से अधिक घाट तैयार किए गए हैं। जिसमें यमुना किनारे के स्थित घाटों के साथ ही जगह-जगह तैयार किए गए कृत्रिम घाट भी है। करोलबाग स्थित अजमल खां पार्क में छठ पूजा के लिए कृत्रिम घाट के तैयार का काम पूरा कर लिया गया।

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