'27 महीने बाद पूछना कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए हमने क्या किया', इंडिया गेट प्रोटेस्ट पर भड़कीं CM रेखा गुप्ता
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण को लेकर प्रदर्शन करने वालों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के समय जब प् ...और पढ़ें
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प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन पर बोलीं सीएम रेखा गुप्ता।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को उन लोगों की आलोचना की जो वायु प्रदूषण को लेकर इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि पहले की सरकारों के समय जब वायु प्रदूषण लगातार समस्या बना हुआ था, तब इनके प्रदर्शन कहां थे?
सीएम ने कहा, "मैं उनसे पूछना चाहती हूं जो इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वायु प्रदूषण की समस्या नई नहीं है और कई सालों से चली आ रही है। पहले तुम्हारे प्रदर्शन कहां थे? पहले वाली सरकार ने क्या किया? 27 साल का बैकलॉग है। सरकार को काम करने के लिए कम से कम 27 महीने तो चाहिए। 27 महीने बाद तुम मुझसे पूछ लेना कि हमने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर क्या-क्या कदम उठाए हैं।"
गुप्ता ने बताया कि विभिन्न रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के रात के चौकीदारों को सर्दियों में खुले में जलने वाली आग से धुआं और प्रदूषण कम करने के लिए बिजली के हीटर बांटे गए हैं। उन्होंने बताया कि बिजली के हीटर सुरक्षित, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं जो प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी मदद कर सकते है।
सीएम रेखा गुप्ता ने पर्यावरण और उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा तथा डीएसआईआईडीसी का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। गुप्ता ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से लड़ने के लिए आक्रामक कदम उठा रही है। इनमें सड़कों पर यांत्रिक झाड़ू और पानी छिड़काव की व्यवस्था बढ़ाना, बिजली के खंभों पर मिस्ट-स्प्रे तकनीक लगाना और पूरे शहर में धूल नियंत्रण की व्यापक योजना लागू करना शामिल है। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए सख्त उपाय लागू किए गए हैं।
गुप्ता ने बताया कि दिल्ली की लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों पर दीवार-से-दीवार कारपेटिंग का काम चल रहा है ताकि धूल का फैलाव कम हो। कचरा या लकड़ी जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है और जरूरतमंद परिवारों को लकड़ी के ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है लेकिन निरंतर कमी तभी संभव है जब जनता सक्रिय रूप से भाग ले।

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