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    Delhi Pollution: दिल्ली का AQI लगातार तीसरे दिन 'गंभीर' श्रेणी में, देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 11:54 PM (IST)

    दिल्ली में जहरीली हवा का प्रकोप जारी है, जिससे वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। औसत AQI 404 रहा, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और हवा की कम गति के कारण प्रदूषक जमीन के पास ही फंसे हुए हैं। पराली जलाने का योगदान भी लगभग 12 प्रतिशत रहा। विशेषज्ञों ने ठंडी और स्थिर सर्दियों की शुरुआत की चेतावनी दी है, जो प्रदूषण को और बढ़ा सकती है।

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    दिल्ली देश में तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की जहरीली हवा में बृहस्पतिवार को भी कोई राहत नहीं दिखी और राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन ''गंभीर'' श्रेणी में दर्ज की गई। 24 घंटे का औसत एक्यूआइ शाम चार बजे 404 रहा, जो बुधवार के 418 से थोड़ा बेहतर है। हालांकि फिर भी यह उस स्तर पर है जो स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।

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    हैरत की बात यह कि केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली द्वारा लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ''बहुत खराब'' श्रेणी में रहने की भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। मंगलवार और बुधवार को भी माडल ने ''बहुत खराब'' वायु गुणवत्ता की भविष्यवाणी की थी, लेकिन एक्यूआइ 400 से ऊपर ही रहा।

    इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर एप के अनुसार बृहस्पतिवार को दिल्ली के 39 निगरानी केंद्रों में से 28 ने ''गंभीर'' श्रेणी की वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। वजीरपुर (458), चांदनी चौक (453) और बवाना (452) सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में से थे। देश भर में, बहादुरगढ़ (466) पहले और रोहतक (430) में ही दिल्ली से ज्यादा खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों ने प्रदूषकों को ज़मीन के पास ही फंसा दिया है।

    स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा, 'हल्की हवाओं और गिरते तापमान ने एक उलटी परत बना दी है, जो प्रदूषकों के फैलाव को रोकती है।' उन्होंने कहा, 'हवाओं की गति तेज होने की उम्मीद थी, लेकिन वे लगभग पांच से सात किमी प्रतिघंटा की कमज़ोर गति पर रहीं। रात में शांत मौसम ने स्थिति को और बदतर बना दिया है।'

    उधर आइआइटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के आंकड़ों से पता चला है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के पीएम 2.5 के स्तर में पराली जलाने का योगदान लगभग 12 प्रतिशत था। एक दिन पहले यह 22.4 प्रतिशत था, जो इस मौसम का सबसे अधिक हिस्सा था। हालाकि सुबह उत्तर-पश्चिमी हवाएं बाद में पश्चिमी हो गईं, जिससे पंजाब और हरियाणा से आने वाले धुएं का प्रवाह कम हो गया, लेकिन उपग्रह चित्रों में गंगा के मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ दिखाई दे रहा है।

    दूसरी तरफ मौसम की स्थिति लगातार ठंडी, स्थिर सर्दियों के दौर की शुरुआत को दर्शा रही है - जिस तरह का मौसम आमतौर पर दिल्ली के प्रदूषण के दौर को बदतर बनाता है। बृहस्पतिवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.9 डिग्री कम 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से 2.2 डिग्री कम है। हवा में नमी का स्तर 95 से 45 प्रतिशत रहा।

    याद रहे कि पिछले साल नवंबर में दिल्ली में आठ ''गंभीर'' वायु दिन देखे गए थे। 18 नवंबर को एक्यूआइ का उच्चतम स्तर 494 था - जो शहर में अब तक का दूसरा सबसे अधिक दर्ज किया गया।