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    दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, 400 पार AQI से ‘रेड जोन’ में आई; रोहतक पहले तो नोएडा तीसरे स्थान पर

    By SANJEEV KUMAR GUPTAEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 09:39 PM (IST)

    दिल्ली में ठंड के साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। कई इलाकों में एक्यूआई 400 पार कर गया है। धुंध के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन हो रही है। पराली जलाने और परिवहन प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। ग्रेप के तीसरे चरण के प्रतिबंध जल्द लागू हो सकते हैं।

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    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। ठंड के साथ- साथ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण भी गहराने लगा है। शनिवार को लगातार तीसरे दिन यह ''बहुत खराब'' श्रेणी में रिकार्ड किया गया। स्विस एप आईक्यू एयर ने भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता को इसी श्रेणी में दर्शाया।

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    विभिन्न इलाकों का एक्यूआई 400 पार कर ''गंभीर'' श्रेणी में भी दर्ज किया गया। हाल फिलहाल स्थिति में सुधार के कम जबकि बिगड़ने के आसार ज्यादा नजर आ रहे हैं।

    शनिवार को सुबह ही नहीं, दिन में भी स्माग की चादर छाई रही। दिल्ली व उसके आसपास के इलाकों में जहां सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, वहीं निवासियों को घनी, दम घोंटने वाली धुंध के बीच आँखों में जलन, गले में खराश और नाक में खुजली से जूझना पड़ रहा था।

    मालूम हो कि ग्रेप के तीसरे चरण के तहत कड़े प्रतिबंधात्मक उपायों का क्रियान्वयन अभी बाकी है। ग्रेप दो के तहत केवल निवारक और सलाहकारी उपाय —जैसे पानी का छिड़काव, यांत्रिक सफाई, और सीमित निर्माण जांच —ही लागू किए गए हैं।

    एक्यूआई की गणना में शनिवार को भी उतार चढ़ाव का दौर चलता रहा। स्विस एप आईएक्यू एयर ने सुबह 10 बजे दिल्ली का एक्यूआई 590 यानी ''खतरनाक'' श्रेणी में दर्ज किया। लेकिन दिन भर ऊपर नीचे होने के बाद रात नौ बजे यह 310 यानी ''बहुत खराब'' श्रेणी में रिकार्ड किया गया।

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के पर जाएं तो सुबह नौ बजे दिल्ली का एक्यूआई 337 था, जो दोपहर तक बढ़कर 343 हो गया। शाम चार बजे शहर का औसत एक्यूआई 361 पर पहुंच गया, जो इस सीजन की सबसे खराब रीडिंग में से एक है। रात आठ बजे एक्यूआई 380 था। इस सीजन में अब तक, शहर का सबसे खराब औसत एक्यूआई 31 अक्टूबर को 371 दर्ज किया गया था।

    हालांकि, उस दिन एक्यूआई में सुधार का रुख रहा था, जबकि शनिवार को यह लगातार बिगड़ रहा था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शनिवार को दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। रोहतक 374 एक्यूआई के साथ पहले स्थान पर जबकि 354 एक्यूआई के साथ नोएडा तीसरे स्थान पर रहा।

    दिल्ली के के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर ''गंभीर'' श्रेणी में दर्ज किया गया। राजधानी के 38 निगरानी स्टेशनों से सीपीसीबी के समीर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, अलीपुर में एक्यूआई 404, आइटीओ में 402, नेहरू नगर में 406, विवेक विहार में 411, वजीरपुर में 420 और बुराड़ी में 418 दर्ज किया गया। शनिवार को पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रमुख प्रदूषक बने रहे।

    सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा के अलावा एनसीआर के अन्य शहरों में ग्रेटर नोएडा में 336 और गाजियाबाद में 339 एक्यूआई दर्ज किया गया, जो ''बहुत खराब'' श्रेणी में आते हैं।

    वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के लिए आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोट्र सिस्टम (डीएसएस) के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान लगभग 30 प्रतिशत था जबकि परिवहन क्षेत्र का योगदान 15.2 प्रतिशत था। उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को पंजाब में पराली जलाने की 100, हरियाणा में 18 और उत्तर प्रदेश में 164 घटनाएं हुईं।

    दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने भविष्यवाणी की है कि अगले कुछ दिनों तक शहर की वायु गुणवत्ता ''बहुत खराब'' श्रेणी में बनी रहेगी। दिवाली के बाद से राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता लगातार ''खराब'' या ''बहुत खराब'' बनी हुई है, कभी-कभी ''गंभीर'' श्रेणी में पहुंच जाती है।

    जल्द लागू हो सकते ग्रेप तीन के प्रतिबंध

    पिछले साल पांच दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगली बार जब एक्यूआई 350 को पार कर जाए, तब ग्रेप का तीसरा चरण लागू कर दिया जाना चाहिए। हालांकि इसकी मूल सीमा 400 थी। इसी तरह उसने ग्रेप चार लागू करने को भी कहा था जब एक्यूआई 400 को छू जाए, जबकि इसकी मूल सीमा 450 थी।

    ग्रेप के तीसरे चरण में विभिन्न श्रेणियों के डीजल वाहनों को विनियमित करने, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, कर्मचारियों के लिए अलग-अलग समय-सीमा, प्राथमिक कक्षाओं तक हाइब्रिड मोड आदि सहित कई प्रतिबंध शामिल हैं।

    अधिक सख्त ग्रेप चार के तहत, निर्माण पर प्रतिबंध राजमार्गों और सड़कों जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं तक विस्तारित होते हैं। कार्यालयों के लिए 50 प्रतिशत वर्क-फ्राॅम-होम नीति है, जबकि कुछ वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। बड़ी कक्षाओं को हाइब्रिड जाने का आदेश दिया गया है, जबकि अधिक प्रतिबंधात्मक उपायों के प्रावधान वैकल्पिक रखे गए हैं।

    हालांकि सीएक्यूएम के अधिकारियों का कहना है कि ग्रेप तीन तभी लागू होगा, जब एक्यूआई 400 या उससे अधिक हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल पिछले सीजन पर लागू होता है। सीएक्यूएम के एक अधिकारी ने कहा, 'अभी ग्रेप तीन लागू नहीं किया जा रहा है

    यह तब लागू होगा जब एक्यूआई गंभीर हो जाएगा, जैसा कि पिछले साल दिसंबर में संशोधित ग्रेप आदेश में परिभाषित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल पिछले सीजन के लिए था।'

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