एक शहर, दो आंकड़े: दिल्ली में एयर क्वालिटी को लेकर CPCB और IQAir में विरोधाभास, असमंजस में विशेषज्ञ
दिल्ली की वायु गुणवत्ता को लेकर CPCB और IQAir के आंकड़ों में विरोधाभास है। CPCB के अनुसार AQI 'खराब' है, जबकि IQAir इसे 'बहुत खराब' बता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मापने के तरीकों में अंतर के कारण यह विरोधाभास है, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति है। दोनों ही संस्थाएं दिल्ली की वायु गुणवत्ता को चिंताजनक मानती हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को लेकर भ्रम पैदा हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) कुछ एक्यूआई बता रहा है जबकि स्विस कंपनी आईक्यू एयर जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म कुछ अलग। मसलन, बुधवार को सीपीसीबी ने दिल्ली का एक्यूआई 353 बताया जबकि आईक्यू एयर ने 253 दर्शाया।
पिछले तीन दिनों से दिल्ली में एक्यूआई 350 के लगभग बना हुआ है। दीवाली के बाद के धुएं और धूल ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया है। निवासियों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इस बीच दिल्ली के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को लेकर भ्रम पैदा हो गया है। सीपीसीबी एक्यूआई को 400 से नीचे बता रहा है, वहीं आईक्यू एयर 300 से नीचे दिखा रहा है। दीवाली पर आईक्यू एयर के आंकड़े कहीं ज्यादा थे।
उदाहरण के लिए दीवाली की रात 12:30 बजे सिरी फोर्ट में सीपीसीबी ने 272 एक्यूआई दर्ज किया, जबकि आईक्यू एयर ने 2,449 दर्ज किया। यह असमानता दिल्ली-एनसीआर में वास्तविक एक्यूआई को लेकर अनिश्चितता उजागर करती है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि सीपीसीबी और आईक्यू एयर दोनों के आंकड़े तकनीकी रूप से सही हैं,क्योंकि वे अलग-अलग मापन विधियों और पैमानों का उपयोग करते हैं।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डा मोहन पी. जार्ज कहते हैं, एक्यूआई छह मुख्य मापदंडों पर आधारित होता है- पीएम 2.5, पीएम 10, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड। इसका पैमाना 0 से 500 तक होता है। 400 से ऊपर के किसी भी स्तर को 'गंभीर' माना जाता है। इसके विपरीत आईक्यू एयर अमेरिकी माडल का अनुसरण करता है।
इसका सूचकांक भी 0 से 500 तक होता है,लेकिन यह 500 से ऊपर के आंकड़ों को अत्यधिक खतरनाक के रूप में रिपोर्ट करता है। भारत में 500 से ऊपर के स्तर को 'व्यवहारिक रूप से बेकार' माना जाता है, क्योंकि वे पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य खतरों का संकेत दे चुके होते हैं।
दिल्ली के एक्यूआई आंकड़ों में बड़ा अंतर मुख्य रूप से डेटा के स्रोतों और उपकरणों के कारण आता है। सीपीसीबी एनालाइजर-आधारित संदर्भ ग्रेड मशीनों का उपयोग करता है, जो वैज्ञानिक रूप से कैलिब्रेटेड (मानकीकृत) होती हैं। इसके विपरीत आईक्यू सेंसर-आधारित उपकरण इस्तेमाल करता है, जो कम लागत वाले होते हैं और जिनकी कैलिब्रेशन प्रक्रियाएं और एल्गोरिदम (गणना के तरीके) सार्वजनिक नहीं हैं।
डा जार्ज ने कहा,'मैं सीपीसीबी के डेटा पर अधिक भरोसा करता हूं क्योंकि उनके निगरानी के तरीके और मानक पारदर्शी हैं जबकि आईक्यू एयर का एल्गोरिदम गुप्त है।' हालांकि, इन मतभेदों के बावजूद, विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि दोनों ही प्लेटफार्म दिल्ली की वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति को उजागर करते हैं, जो यह दिखाता है कि पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक सीमा से कहीं अधिक है।
बुधवार को दिल्ली के कुछ इलाकों के एक्यूआई में अंतर
क्षेत्र | सीपीसीबी | आईक्यू एयर |
द्वारका-आठ | 366 | 237 |
पंजाबी बाग | 387 | 263 |
सीरीफोर्ट | 364 | 210 |
आनंद विहार | 427 | 352 |
आरके पुरम | 397 | 322 |
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