दीवाली के बाद बिगड़ा एयर क्वालिटी इंडेक्स, अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या 30% तक बढ़ी
दीवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर पहुँच गया है, जिससे अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या में 30% तक की वृद्धि हुई है। प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और घर के अंदर रहने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रदूषण एकदम से बढ़ने से राजधानी में प्रदूषण बढ़ने के कारण खांसी, जुकाम के साथ ही सांस से संबंधित समस्या बढ़ गई है। चिकित्सकों के मुताबिक पहले की तुलना में अस्पतालों की ओपीडी में 25 से 30 प्रतिशत तक सांस के रोगी बढ़ गए हैं। कई तो सांस के पुराने मरीज बढ़ी हुई बीमारी की बात कह रहे हैं।
दीवाली के दिन सांस की समस्या के साथ लोक नायक अस्पताल में जहां 188 मरीज पहुंचे, वहीं गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 142 तो जीबी पंत में 128 मरीज आए। डाॅ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ओपीडी में पहले जहां 1000 मरीज पहुंचते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 1200 से अधिक हो गई है।
आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डाॅ. पुलिस कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों से खांसी, गले में खराश, छाती में जकड़न, नाक से पानी आने व सांस फूलने की परेशानी के साथ मरीज पहुंच रहे हैं। अभी दो दिन से एयर इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी में है।
अगले पांच से सात दिन में इसका असर ज्यादा दिखेगा। सांस से संबंधित मरीजों की संख्या में और वृद्धि होगी। बचाव के लिए सांस के मरीज व बुजुर्ग अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। घर के अंदर एयर फिल्टर का प्रयोग करें। घर से बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो एन-95 मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
फेफड़े को नुकसान पहुंचा रहे प्रदूषक तत्व
यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल पल्मोनोलाजी डायरेक्टर डा. गुरमीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि पीएम 2.5 और पीएम-10 के साथ ही हानिकारक गैसें हवा के साथ जब फेफड़े के भीतर पहुंचती हैं तो उसके अंदरूनी दीवारों को नुकसान पहुंचाती हैं।
इसके चलते खांसी व बलगम की समस्या, सांस फूलना आदि जैसी समस्या हो सकती है। जिन्हें पहले से दमा या सांस से संबंधित समस्या है, उनकी परेशानी इस स्थिति में बढ़ गई है। चिकित्सीय परामर्श की जरूरत पड़ रही है और कई मामलों में मरीजों को भर्ती भी होना पड़ रहा है।
कुछ पुराने मरीज दवा व डोज बदलवाने के लिए भी पहुंच रहे हैं। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में 25 से 30 प्रतिशत मरीज पिछले चार-पांच दिन में बढ़े हैं।
घर से बाहर निकलें तो मास्क का करें प्रयोग
- बाहर जाने से बचें।
- जरूरी हो तो मास्क लगाकर ही निकलें।
- बाहर प्रदूषण ज्यादा होने पर खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- मरीज दवाओं को नियमित सेवन करते रहें।
- आपातकालीन नंबर और अस्पताल की जानकारी तैयार रखें।
- खूब पानी पिएं और तली-भुनी चीजों के सेवन से बचें।
- ताजे फल, हरी सब्जियां, एंटीऑक्सीडेंट आहार लें, यह फेफड़ों के लिए लाभदायक है।
- योग, अनुलोम-विलोम और ध्यान करें।
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