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    दिल्ली में हवा की गुणवत्ता फिर हुई खराब, AQI 400 के पार; मौसम का दूसरा सबसे खराब दिन

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:50 AM (IST)

    दिल्ली में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। रविवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 370 दर्ज किया गया। सुबह AQI 'खतरनाक' स्तर पर था, लेकिन दोपहर में हवा की गति बढ़ने से कुछ सुधार हुआ। मौसम और पराली जलाने के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है, और सरकारी प्रतिबंधों का पालन भी ठीक से नहीं हो रहा है।

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    दिल्ली में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्लीराजधानी की सांसें एक बार फिर दूषित हवा में फंस गई हैं। रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 370 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी की ऊपरी सीमा पर है और 'गंभीर' स्तर से महज एक कदम दूर। यह इस मौसम का दूसरा सबसे खराब दिन रहा, जब 30 अक्टूबर को AQI 373 था। लगातार चौथे दिन 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने वाली दिल्ली की हवा ने चिंता बढ़ा दी है।

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    सुबह 'खतरनाक', शाम 'खराब'स्विस एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग एप IQAir के अनुसार, सुबह 10 बजे दिल्ली का AQI 565 तक पहुंच गया, जो 'खतरनाक' श्रेणी में आता है। कोहरे की मोटी चादर और ठंड के बीच यह स्तर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। हालांकि, दोपहर में धूप खिलने और हवा की गति बढ़ने से प्रदूषक कणों का विसर्जन तेज हुआ। शाम 4 बजे AQI 174 ('मध्यम') तक गिर गया और रात 9 बजे 260 ('खराब') पर पहुंच गया।

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सुबह 10 बजे AQI 391 ('बहुत खराब') दर्ज किया। शाम 4 बजे यह 370 और शाम 5 बजे 365 पर आ गया। भले ही श्रेणी 'बहुत खराब' ही रही, लेकिन अंकों में गिरावट राहत की एक छोटी सी किरण जरूर दिखाई।

    दिल्ली के इन इलाकों की हवा रही सबसे खराब

    इलाका AQI
    बवाना 404
    आइटीओ 404
    जहांगीरपुरी 413
    मुंडका 410
    नेहरू नगर 408
    पटपड़गंज 401
    पंजाबी बाग 416
    रोहिणी 412
    विवेक विहार 408
    वजीरपुर 410

    इनमें आनंद विहार, जहांगीरपुरी, पंजाबी बाग, वजीरपुर जैसे इलाके सबसे अधिक प्रभावित रहे।मौसम का असर और आगे का अनुमानमौसम विज्ञानियों का कहना है कि कोहरा, कम हवा की गति और तापमान में गिरावट प्रदूषण को फंसाने का काम कर रही है। आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के असर से हवा की गति बढ़ सकती है, जिससे प्रदूषण में मामूली राहत मिल सकती है। लेकिन दीवाली के बाद पराली जलाने का असर अभी भी बना हुआ है, जो AQI को ऊंचा बनाए रखने में योगदान दे रहा है।

    सरकारी कदमों पर सवाल

    हालांकि GRAP-3 के तहत कई प्रतिबंध लागू हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका पालन कमजोर दिख रहा है। निर्माण कार्य, वाहनों का धुआं और खुले में कचरा जलाना अभी भी जारी है। दिल्ली सरकार और केंद्र की एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी भी प्रदूषण नियंत्रण में बाधा बन रही है।