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    Delhi Blast: अल-फलाह ट्रस्ट के कार्यालय पहुंची दिल्ली पुलिस की टीम, ट्रस्ट का दावा- सिर्फ दस्तावेज मांगे गए!

    By MOHMMAD RAISEdited By: Anup Tiwari
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 03:19 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस की एक टीम अल-फलाह ट्रस्ट के कार्यालय पहुंची और कुछ दस्तावेजों की मांग की। ट्रस्ट ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे और उन्होंने किसी भी गलत काम में शामिल होने से इनकार किया है। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में हलचल मच गई।

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    अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट पहुंची पुलिस की टीम। प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जामिया नगर स्थित अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य कार्यालय में बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची। ट्रस्ट के लीगल एडवाइजर मोहम्मद रज़ी ने बताया कि हरियाणा पुलिस यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ दस्तावेज लेने के लिए टीम आई थी। दस्तावेज सौंप दिए गए हैं और जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है।

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    सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस तैनात

    ट्रस्ट कार्यालय परिसर में फिलहाल दिल्ली पुलिस की एक टीम सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही है। रज़ी ने स्पष्ट किया कि पुलिस केवल दस्तावेजी कार्यवाही के लिए आई थी और कोई गिरफ्तारी या छापेमारी नहीं हुई। उन्होंने कहा, "हम देश के खिलाफ किसी भी गतिविधि की निंदा करते हैं। जांच एजेंसियों को हर स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है और आगे भी दिया जाएगा।

    यूनिवर्सिटी का केवल नियोक्ता-कर्मचारी संबंध

    ट्रस्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हरियाणा पुलिस यूनिवर्सिटी के कुछ आरोपित व्यक्तियों से ट्रस्ट का संबंध केवल नियोक्ता और कर्मचारी का था। किसी भी अवैध या राष्ट्र-विरोधी गतिविधि में ट्रस्ट या यूनिवर्सिटी की कोई संलिप्तता नहीं है।

    चंदा या फंडिंग का कोई अकाउंट नहीं

    मोहम्मद रज़ी ने दावा किया कि अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट और इससे जुड़ी यूनिवर्सिटी ने कभी किसी से चंदा नहीं लिया और न ही इसके लिए कोई बैंक खाता संचालित किया जाता है। सभी गतिविधियां पारदर्शी और स्व-वित्तपोषित हैं।

    ट्रस्टी को 2005 में बरी किया गया

    ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी जवाद अहमद सिद्दीकी पर 25 वर्ष पुराने वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर रज़ी ने कहा कि संबंधित अदालत ने 2005 में ही उन्हें सभी मामलों में क्लीन चिट दे दी थी। कोई लंबित केस नहीं है।