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    Delhi Blast: अल फलाह चांसलर जवाद की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने 12 खातों की जांच तेज की, करीबियों से पूछताछ

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 06:30 AM (IST)

    दिल्ली ब्लास्ट मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ईडी ने जवाद और उनसे जुड़े 12 बैंक खातों की जांच तेज कर दी है। वित्तीय लेनदेन की जानकारी के लिए ईडी जवाद के करीबियों से भी पूछताछ कर रही है। जांच में कुछ अहम सुराग मिलने की बात सामने आई है।

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    अल फलाह विश्वविद्यालय

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के सामने आतंकी हमले को लेकर ईडी की गिरफ्त में आए अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

    फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआइयू) की रिपोर्ट के मुताबिक, अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट और इससे जुड़े ट्रस्टियों के खातों में 2005 से 2019 के बीच करीब 194.75 करोड़ रुपये के लेन-देन की बात सामने आई है।

    पुस्तक प्रकाशन और कंस्ट्रक्शन के नाम पर भी बीते वर्षों में करोड़ों रुपये विदेशों से दान में लिए गए। ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ट्रस्ट से जुड़े 12 अकाउंट की जांच करने के साथ ही जवाद के पांच करीबियों से पूछताछ कर रही है।

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    विदेशों से मिली राशि कब और कहां निकाली गई, कहां खर्च की गई, इसका भी पता लगाया जा रहा है।सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने पांच करीबियों को काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) के आधार पर चिह्नित किया है। जवाद अहमद फोन पर ज्यादातर इन्हीं पांच लोगों के संपर्क में था।

    अल फलाह यूनिवर्सिटी के हास्टल व मेस फीस के लगभग 15.79 करोड़ रुपए दुबई में अमला इंटरप्राइज और कारकुन कंस्ट्रक्शन को भेजे गए। इनका संचालन जवाद के रिश्तेदार करते हैं।

    कारकुन कंस्ट्रक्शन को निर्माण संबंधी कांट्रैक्ट के लिए मोटी रकम दी गई। वहीं, अलग-अलग अकाउंट से 2.45 करोड़ से अधिक की धनराशि निकाली गई। पिछले 7-8 वर्षों में इंग्लैंड की संस्थाओं से भी ट्रस्ट ने पुस्तक प्रकाशन के नाम पर लगभग 10 हजार डॉलर दान लिए। दान देने वाले एनजीओ भी ईडी की रडार पर हैं।

    2018 से 2025 तक अर्जित राजस्व की हो रही रही जांचअल फलाह स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी, अल फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, अल फलाह यूनिवर्सिटी और अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में एक ही पैन नंबर इस्तेमाल किया गया।

    वित्तीय नियंत्रण के लिए आइटीआर अल फलाह ट्रस्ट के नाम पर भरे गए। यूनिवर्सिटी ने वित्तीय वर्ष 2018 से 2025 तक 415.10 करोड़ रुपए का शैक्षिक राजस्व अर्जित किया, जिसकी जांच ईडी कर रही है।