दिल्ली निगम बना रहा फूड कार्ट योजना, हर वार्ड में मिलेंगे रोजगार के अवसर; क्या होगा खास?
दिल्ली नगर निगम हर वार्ड में पाँच मिनी फ़ूड कार्ट लगाने की योजना बना रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और तैयार भोजन आसानी से उपलब्ध होगा। फ़ूड वैन को एक स्थान पर केवल 15 मिनट रुकने की अनुमति होगी और वे केवल अपने वार्ड में ही काम कर सकेंगे। एमसीडी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखेगा और फ़ूड कार्ट केवल आवासीय क्षेत्रों में ही लगाए जाएँगे।

दिल्ली नगर निगम हर वार्ड में पाँच मिनी फ़ूड कार्ट लगाने की योजना बना रहा है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। स्वरोजगार और घर के पास भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में दिल्ली नगर निगम की एक बड़ी पहल अब पूरी दिल्ली में लागू होगी। प्रत्येक वार्ड में अधिकतम पाँच मिनी फ़ूड कार्ट चलेंगे। तैयार भोजन और अन्य वस्तुओं की बिक्री की अनुमति होगी।
खास बात यह है कि इससे ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगी, क्योंकि कोई स्थायी पार्किंग स्थल नहीं होगा। फ़ूड वैन संचालकों को एक स्थान पर अधिकतम 15 मिनट तक खड़े रहने और फिर दूसरे स्थान पर जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा, उन्हें वार्ड की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। फ़ूड वैन संचालक उसी वार्ड का होना चाहिए जहाँ वे काम करना चाहते हैं।
एमसीडी के जन स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे ई-रिक्शा में बदलाव करके मिनी फ़ूड कार्ट के लिए एक नीति लाने की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व उत्तरी निगम में इस नीति को सदन ने मंजूरी दी थी, लेकिन 2022 में एमसीडी के एकीकरण के कारण इस योजना को लागू नहीं किया जा सका।
उन्होंने बताया कि पिछले उत्तरी निगम में हमने सिटी एसपी ज़ोन में लगभग 70 मिनी फ़ूड कार्ट को अनुमति दी थी। अब, नई नीति लागू करने और सदन से मंज़ूरी मिलने के बाद, हम पूरी दिल्ली में मिनी फ़ूड कार्ट लगाने की अनुमति देंगे। बनाई जा रही नीति के तहत प्रत्येक वार्ड में अधिकतम पाँच फ़ूड कार्ट लगाने की अनुमति होगी। इनमें पहले से तैयार खाद्य सामग्री बेची जा सकेगी। पहले से तैयार खाद्य सामग्री की बिक्री की अनुमति नहीं होगी।
हालाँकि, दोबारा गर्म करके बेची जाने वाली वस्तुओं की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिस वार्ड में मिनी फ़ूड कार्ट लगाने की अनुमति है, वहाँ के संचालक को उसी वार्ड का निवासी होना चाहिए। इससे फ़ूड कार्ट संचालक को अन्य स्थानों से आने-जाने की आवश्यकता नहीं होगी और फ़ूड कार्ट लगाने की अनुमति मिल सकेगी।
अधिकारी ने आगे कहा कि इससे 1,000 से ज़्यादा फ़ूड कार्ट लगाने की अनुमति मिलेगी, जिससे रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। गौरतलब है कि दिल्ली में पहले बड़ी फ़ूड वैन चलाने की अनुमति थी, लेकिन यह मॉडल पुराना हो गया है। डीडीए और रेलवे ने फ़ूड बस जैसी योजनाएँ शुरू करके इस व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया है। इसलिए, एमसीडी प्रमुख बाज़ारों में फ़ूड कार्ट लगाने की अनुमति नहीं देगी। फ़ूड कार्ट केवल आवासीय और गैर-व्यावसायिक क्षेत्रों तक ही सीमित रहेंगी।
सफ़ाई से कोई समझौता नहीं किया जाएगा
एमसीडी अधिकारियों ने बताया कि जिन मिनी फ़ूड कार्ट्स को अनुमति दी जाएगी, उनमें सफ़ाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। एमसीडी यह सुनिश्चित करेगी कि फ़ूड कार्ट संचालक स्वस्थ रहें। इसके अलावा, फ़ूड कार्ट्स को इस तरह डिज़ाइन किया जाएगा कि उनमें मक्खियाँ और मच्छर न आएँ।
यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सामान धूल से प्रभावित न हो। इसके अलावा, फ़ूड कार्ट संचालकों को सफ़ाई बनाए रखनी होगी, दस्ताने पहनने होंगे, आदि। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बेची जाने वाली चीज़ें शहर में गंदगी न फैलाएँ, उन्हें डस्टबिन भी उपलब्ध कराने होंगे।

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