नगर निगम उपचुनाव से बदलेगा दिल्ली का सियासी गणित, 12 सीटों पर नवंबर में मतदान संभव
दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव से राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आने की संभावना है। नवंबर में 12 सीटों पर मतदान होने की उम्मीद है। इस उपचुनाव को दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं और जीत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आठ माह से रिक्त पड़ी निगम की सीटों पर जल्द ही उप चुनाव की घोषणा होगी। राज्य चुनाव आयोग की तैयारियां अंतिम दौर में है। सबकुछ ठीक रहा तो अगले माह के तीसरे या चौथे सप्ताह में चुनावों को संपन्न करा लिया जाएगा। इसी बीच चुनाव आयोग ने तय किया है कि 12 निगम की सीटों पर उप चुनाव में नामांकन की तारीख तक मतदाता सूची को ही मान्य माना जाएगा। त्योहारों, परीक्षाओं और कानून व्यवस्था की गहन समीक्षा के बाद तारीखों की घोषणा की जाएगी। चूंकि दीपावली और भैया दूज और छठ पर्व इसी माह संपन्न हो जाएंगे और अगले माह बिहार विधानसभा चुनाव भी है। इसलिए पूरी संभावना है कि निगम के उप चुनाव की तारीख नंवबर के आखिरी सप्ताह में हों।
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार उप चुनावों की तैयारी के लिए जिला-निर्वाचन अधिकारी, चुनाव पर्यवेक्षक, निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी के रूप में दिल्ली सरकार और नगर निगम के अधिकारियों को नियुक्त किया जा चुका है।
साथ ही, जल्द ही व्यय पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त करेगा। आईटी के कर्मचारियों का भी प्रशिक्षण भी जारी है। आयोग ने कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए निगम चुनाव दिल्ली एप के माध्यम से दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों व्हीलचेयर के लिए ऑनलाइन अनुरोध, मतदान केंद्र तक पिकअप व ड्राॅप जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा।
चुनाव से संबंधित मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी शुरू किया जाएगा। आयोग ने बताया कि उप चुनावों के लिए विभिन्न विभागों के साथ बैठकें की जा रही है। शनिवार को पुलिस आयुक्त के साथ भी इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक हुई। अब जल्द ही मुख्य सचिव के साथ बैठक होगी ताकि जल्द से जल्द उप चुनाव हो सके।
भाजपा और आप के लिए परीक्षा, कांग्रेस के लिए वापसी का मौका
दिल्ली नगर निगम की 250 कुल सीटों में से 11 सीटें विधानसभा चुनाव में पार्षदों के विधायक बनने से रिक्त हुई थी जबकि एक सीट पार्षद के सांसद बनने से वर्ष 2024 से रिक्त हैं। ऐसे में कुल 12 सीटों में भाजपा के पास 9 जबकि आप के पास तीन सीटें थी। इसलिए इस चुनाव में भाजपा और आप की अग्निपरीक्षा होगी। जबकि कांग्रेस के पास अपनी वापसी का मौका है। इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी भी अगर चुनाव में जाती है तो उसका का भी यह लिटमस टेस्ट होगा। जिन 12 सीटों पर चुनाव होना हैं उसमें शालीमार बाग बी सीट सीएम रेखा गुप्ता की सीट भी है। वह विधायक बनने से पूर्व इसी सीट से पार्षद थीं।
कौन-कौन सी सीटें हैं और क्या है आरक्षण की स्थिति
निगम सीट | आरक्षण |
मुंडका | सामान्य |
शालीमार बाग-बी | महिला |
अशोक विहार | महिला |
चांदनी चौक | सामान्य |
चांदनी महल | सामान्य |
द्वारका बी | महिला |
ढिचाऊ कलां | महिला |
नारायणा | सामान्य |
संगम विहार ए | सामान्य |
दक्षिणपुरी | अनुसूचित जाति |
ग्रेटर कैलाश | महिला |
विनोद नगर | सामान्य |
किन सीटों पर मजूबूत है भाजपा
मुंडका, शालीमार बाग, द्वारका बी, ग्रेटर कैलाश, नारायणा, ढिचाऊं कलां
किन सीटों पर 'आप' है मजबूत
चांदनी महल, चांदनी चौक, दक्षिणपुरी
किन सीटों पर हो सकता है कड़ा मुकाबला
विनोद नगर, संगम विहार, अशोक विहार
भाजपा को और मजबूत स्थिति बनाने का है मौका
दिल्ली नगर निगम की सत्ता पर फिलहाल भाजपा काबिज है लेकिन 12 सीटों पर उप चुनाव से उसकी स्थित और मजबूत हो सकती है। क्योंकि नौ सीटें तो पहले ही भाजपा जीती थी ऐसे में नौ सीटों पर फिर से चुनाव जीतती है तो उसकी स्थिति निगम में और मजबूत हो जाएगी। इसका फायदा उससे अगले वर्ष स्थायी समिति सदस्य के लिए रिक्त होने वाले पदों के चुनाव में भी हो सकता है। क्योंकि 18 में नौ सदस्य अगले वर्ष सेवानिवृत्त ड्रा के माध्यम से हो जाएंगे। पुनः चुनाव होने पर जोन और सदन में उसे लाभ होगा। 238 में से 99 सीटें आप के पास हैं जबकि 115 भाजपा की है और कांग्रेस के पास आठ सीटें हैं। इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के पास 16 सीटें हैं।
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