एक हफ्ते में ही भुला दिया खौफ... लाल किला रोड पर लौटी रौनक, चांदनी चौक फिर मुस्कुराया
नई दिल्ली में, एक हफ्ते पहले हुए विस्फोट की यादें ताजा हो गईं। सोमवार को उसी जगह पर फिर से वही दृश्य था, जहाँ आतंकी डॉक्टर उमर ने विस्फोट किया था। हालाँकि, दिल्ली वालों का हौसला अभी भी बुलंद है। वे दुखी जरूर हैं, पर ऐसे हमलों से डरने वाले नहीं हैं। दिल्ली के लोगों का जज्बा बरकरार है।
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नई दिल्ली में, एक हफ्ते पहले हुए विस्फोट की यादें ताजा हो गईं।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। दिन सोमवार, केवल तारीख बदली है, समय नहीं। वह 10 नवंबर था, आज 17 नवंबर। समय वहीं छह बजकर 50 मिनट। एक तस्वीर सीसीटीवी फुटेज की है। दूसरी, कैमरे की। उस दिन भी गुनगुनी ठंड में ढलती शाम में लाल किला और चांदनी चौक को बांटते नेता जी सुभाष मार्ग की रेड लाइट पर वाहनों का भारी दबाव था।
लोग खरीदारी कर, घूम फिर कर यादों में पुरानी दिल्ली को बसा घर की ओर निकल रहे थे। आज भी ऐसा ही था। उस दिन ठीक उसी स्थान पर, जिसे भगवान का रूप माना जाता है आतंकी बने उस डाक्टर उमर ने, अपनी कार में भीषण विस्फोट कर निर्दोष लोगों की जान ले ली थी। तब सब कुछ थम गया था। शुक्रवार तक यह रास्ता बंद था।
जांच एजेंसियों ने विस्फोट स्थान पर परखच्चे उड़े वाहनों तथा आस-पास की दुकानों व सड़कों से मानव अंग, वाहनों के पार्ट्स इकट्ठे किए। विस्फोट में प्रयुक्त रसायन का पता किया। शनिवार दोपहर सड़क आम लोगों को खोल दिया गया।
सोमवार को फिर वैसा ही दृश्य। यह दिल वालों की दिल्ली है, जो अपनों को खोने से जरूर गमजदां है, पर उसका हौसला और जज्बा कभी टूटा नहीं है। यह ऐसे नापाक धमाकों से डरने और थमने वाली नहीं है...। दिल्ली वालों के इसी जज्बे को सलाम।

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