तिहाड़ में बंद MP इंजीनियर राशिद की यात्रा का खर्च सरकार उठाएगी? दिल्ली HC के दो जजों ने सुनाया अलग-अलग फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद की संसद यात्रा के खर्च पर विभाजित फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति भमभानी ने खर्च सरकार को वहन करने को कहा, जबकि न्यायमूर्ति चौधरी ने असहमति जताई। मामला अब मुख्य न्यायाधीश के पास है। राशिद यूएपीए के तहत आरोपी हैं, उन्होंने 2024 में उमर अब्दुल्ला को हराकर बारामूला सीट जीती थी। ट्रायल कोर्ट ने पहले यात्रा खर्च स्वयं वहन करने को कहा था, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था।

इंजीनियर राशिद की यात्रा के खर्च को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल में बंद बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को विभाजित फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने सांसद की तिहाड़ जेल से संसद तक की यात्रा का खर्च वहन करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की।
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भमभानी ने कहा कि सरकार को इंजीनियर राशिद की यात्रा का खर्च वहन करना चाहिए, जबकि न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने कहा कि सरकार को खर्च वहन करने की जरूरत नहीं है। अब यह मामला मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय के समक्ष रखा जाएगा।
बता दें, इंजीनियर राशिद वर्तमान में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी फंडिंग मामले में आरोपी के रूप में तिहाड़ जेल में है, उन्हें 2019 में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को दो लाख से अधिक मतों से हराकर बारामूला लोकसभा सीट जीती थी।
उन्होंने पहले ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार को संसद में उपस्थित होने की अनुमति देने के निर्देश देने की मांग की थी। ट्रायल कोर्ट ने उन्हें कुछ दिनों के लिए संसद में उपस्थित होने की अनुमति दी, लेकिन कहा कि उन्हें अपनी यात्रा और सरकारी अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षा का खर्च स्वयं वहन करना होगा। इसके बाद उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया।

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