दिल्ली में नकली इंजन ऑयल बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड समेत पांच गिरफ्तार
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नकली इंजन ऑयल बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। इस मामले में सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरोह टीवीएस, जेसीबी और टाटा मोटर्स जैसे ब्रांडों के नाम पर नकली इंजन ऑयल बेचता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकली इंजन ऑयल और पैकेजिंग सामग्री बरामद की है। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह 2004 से सक्रिय था और एनसीआर में नकली तेल बेच रहा था।

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नकली इंजन ऑयल बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली इंजन ऑयल बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य नकली इंजन ऑयल बनाकर टीवीएस, जेसीबी और टाटा मोटर्स जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर उसे बाजार में बेचते थे।
आरोपियों के पास से चार हजार लीटर नकली इंजन ऑयल, सीलिंग, हीटिंग, वेइंग मशीन और प्रिंटिंग डाई जब्त की गई। गिरफ्तार आरोपियों में मास्टरमाइंड की पहचान शाहदरा निवासी नवीन सिंघल उर्फ बॉबी और उत्तर प्रदेश के मैनपुरी निवासी गौतम, रोहित, गोल्डी और शिवेंद्र के रूप में हुई है। मास्टरमाइंड के अलावा, चार अन्य मजदूर हैं जो पैकेजिंग का काम संभालते थे।
उपायुक्त सुधीर कुमार यादव के अनुसार, 12 अक्टूबर को पूर्वी गोकुलपुरी में नकली इंजन ऑयल बनाने और डुप्लीकेट पैकेजिंग का इस्तेमाल कर बेचने की गुप्त सूचना मिली थी। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एसीपी पंकज अरोड़ा की देखरेख और इंस्पेक्टर अमित सोलंकी के नेतृत्व में टीम ने मेसर्स प्रोटेक्ट आईपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि के साथ संदिग्ध परिसर पर छापा मारा।
मास्टरमाइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और टीवीएस, जेसीबी और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों के नकली इंजन ऑयल और नकली पैकेजिंग सामग्री भारी मात्रा में बरामद की गई। पूछताछ से पता चला कि आरोपी 2004 से दिल्ली में इसी तरह की अवैध फैक्ट्री चला रहे थे।
उन्होंने स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से कच्चा इंजन ऑयल, खाली कंटेनर, स्टिकर, रैपर और कार्टन खरीदे और उनमें घटिया लुब्रिकेंट ऑयल भर दिया। उन्होंने स्थानीय ऑटो दुकानों, वर्कशॉप और थोक विक्रेताओं को रियायती दरों पर नकली तेल बेचने के लिए प्रतिष्ठित ब्रांडों के नकली लेबल, होलोग्राम और पैकेजिंग का इस्तेमाल किया।
उन्होंने एनसीआर के शहरों में हर महीने 8,000 से 10,000 लीटर नकली तेल बेचा, जिससे प्रति माह लगभग 500,000 रुपये की कमाई हुई।
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