स्मार्ट पुलिसिंग के 75 मानकों को पास कर गाजीपुर थाना बना अव्वल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दी ट्राॅफी
गाजीपुर थाना स्मार्ट पुलिसिंग के 75 मानकों पर खरा उतरकर अव्वल बना। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने थाने को इस उपलब्धि के लिए ट्राॅफी देकर सम्मानित किया। थाने ने पुलिसिंग के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता का प्रदर्शन किया है। स्मार्ट पुलिसिंग के मानकों का पालन करते हुए थाने ने आधुनिकता का परिचय दिया। गृहमंत्री ने थाने के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गाजीपुर थानाध्यक्ष को ट्राॅफी देकर सम्मानित किया।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। गाजीपुर थाना देश का नंबर एक थाना चुना गया है। इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गाजीपुर थानाध्यक्ष को ट्राॅफी देकर सम्मानित किया। नंबर एक थाना चुने जाने के 75 मानक थे। इन सभी मानकों में अव्वल आने के बाद इस थाने का चुनाव किया गया। इन मानकों में किस तरह से अपराध को काबू किया, फरियादियों से व्यवहार, पुलिस किस तरह से ऑनलाइन अपडेट रही जैसे बिंदुओं को शामिल किया गया था। अपराध को सुलझाने की अवधि व अन्य मानक भी इनमें रखे गए थे।
दिल्ली पुलिस के लिए गौरव के क्षण
गाजीपुर लैंडफिल भले ही दिल्ली के माथे पर कूड़े का एक कलंक है। इस लैंडफिल के सामने बना दिल्ली पुलिस का गाजीपुर थाना देश में तारे की तरह चमक रहा है। देशभर की पुलिस की जुबान पर एक ही नाम है और वह 'गाजीपुर थाना'। दरअसल, इस थाने को गृहमंत्रालय ने देश का नंबर एक चुना है। 'दिल की पुलिस' कही जाने वाली 'दिल्ली पुलिस' के साथ ही दिल्ली के दिलवालों के लिए यह गर्व का पल है।
13 वर्ष में कर दिया कमाल
देश की राजधानी में दिल्ली पुलिस के 227 थाने हैं। कई थाने आलिशान हैं। जिनकी बिल्डिंग दूर से ही चमचमाती हुई नजर आती है, कुछ थाने अंग्रेजों के जमाने के भी हैं। इन सभी के बावजूद पूर्वी जिले का एक मंजिल का बना गाजीपुर थाना देश का नंबर एक थाना चुना गया। इससे यह साबित हो गया कि बिल्डिंग ऊंची होने से कुछ नहीं होता है।
वर्ष 2012 में गाजीपुर थाना बना था, चंद साल में यह थाना फर्श से अर्श पर पहुंच गया। 13 वर्ष के अंदर इस थाने ने वो कर दिखाया जो दिल्ली के बाकी थाने 20 से 25 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं कर सके। इस थाने ने केस दर्ज होने पर अपराधियों को पकड़ने में तत्परता दिखाई।
गृहमंत्रालय के 75 मानकों को पूरा किया
पिछले साल करीब 450 केस दर्ज हुए। 90 प्रतिशत केस बहुत समय में पुलिस ने सुलझाए थे। शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह ने गाजीपुर थानाध्यक्ष बाला शंकर उपाध्याय को देश के नंबर एक थाना होने की ट्राफी सौंपी। वर्ष 2024 में थाना पुलिस ने बेहतर तरीके से अपराध पर काबू पाया और सफाई व आम लोगों से व्यवहार को दुरुस्त किया। नंबर एक थाने की ट्राफी मिलने पर थाने में खुशियां मनाई गई। गृहमंत्रालय के 75 मानकों को पूरा किया।
कुछ मानक यह हैं...
1.थाने में केस रिकार्ड मैनेजमेंट अच्छा है।
2. पुलिस स्टेशन का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा है और कर्मचारियों का आसानी से आना-जाना है (बिल्डिंग, साफ-सफाई, बेसिक सुविधाएं, विजिबिलिटी और स्टाफ तक पहुंच)।
3. अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदम अच्छे है। बेहतर तरीके से पेट्रोलिंग की जा रही है।
4. पिछले तीन वर्षों में थाने में जो केस दर्ज हुए, वह जल्दी सुलझे और केस की चार्जशीट समय पर कोर्ट में दाखिल हुई।
5. लाॅ एंड ऑर्डर ठीक रहा।
6. आम लोगों के बीच थाना पुलिस की मौजूदगी अच्छी रही। सामुदायिक पुलिसिंग पर थाना ने बहुत ध्यान दिया।
7. महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को अच्छे से संभाला। केस दर्ज किए और उनका निपटारा किया।
8. थाने के पुलिस अधिकारियों का आम लोगों से व्यवहार।
9. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और ट्रेनिंग (स्टाफ की संख्या, जेंडर बैलेंस, और जेजे एक्ट, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसी जरूरी ट्रेनिंग)
"दिल्ली पुलिस के लिए यह गर्व का पल है। गाजीपुर थाने का कार्य बहुत सराहनीय रहा। थाना पुलिस ने केस दर्ज होने के कुछ ही वक्त में उस केस को सुलझाया। थाना के केस आनलाइन भी अपडेट रहे। समय पर चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई। आम लोगों से थाना पुलिस का व्यवहार बेहतर रहा। गाजीपुर थाने को गृहमंत्रालय से जो सम्मान मिला है, पुलिसकर्मी इससे बहुत उत्साहित हैं। आगे दोगुनी क्षमता से कार्य करेंगे। पुलिस का कार्य हमेशा ही आम लोगों की हर हाल में रक्षा करना है।"
-अभिषेक धानिया, पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त।
यह भी पढ़ें- नर्सरी एडमिशन 2026-27: दिल्ली में स्कूल से दूरी पर मिलेंगे 55 अंक तक, 4 दिसंबर से आवेदन शुरू

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।