दिल्ली का यह थाना बना देश में नंबर-1, गृह मंत्रालय ने 70 पैमानों पर परखना प्रदर्शन
दिल्ली का गाजीपुर थाना देश का सर्वश्रेष्ठ थाना चुना गया है। गृह मंत्रालय ने 70 मानकों पर थाने के कामकाज का मूल्यांकन किया, जिसमें अपराध नियंत्रण और सामुदायिक संपर्क जैसे क्षेत्र शामिल थे। उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते गाजीपुर थाने को यह गौरव प्राप्त हुआ है, जिससे थाने के कर्मचारियों में खुशी की लहर है।

गृह मंत्रालय ने गाजीपुर थाने को चुना नंबर एक।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के गाजीपुर लैंडफिल साइट के ठीक सामने बना दिल्ली पुलिस का गाजीपुर थाना देश में नंबर एक चुना गया है। गृह मंत्रालय की टीम ने 70 पैमानों पर जांच परख करने के बाद इस थाने को देश का नंबर एक थाना घोषित किया है। यह दिल्ली पुलिस के साथ ही दिल्ली वालों के लिए गर्व का पल है। पहली बार पुलिस के पूर्वी जिले से किसी थाने को यह स्थान प्राप्त हुआ है।
पुलिस ने बताया कि गाजीपुर पहले न्यू अशोक नगर थाना के अंतर्गत आता था। आबादी बढ़ती चली गई और अपराध को नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2012 में न्यू अशोक नगर से अलग करके गाजीपुर नाम से एक अलग थाना बनाया गया। पुलिस के पास जगह की कमी की वजह गाजीपुर लैंडफिल के सामने यह थाना बनाया गया।
लैंडफिल की बदबू का करना पड़ता है सामना
यहां के पुलिसकर्मियों ने थाने बनने के बाद दोहरी मार झेली। अपराधियों पर अंकुश पाने के साथ पुलिसकर्मी यहां लैंडफिल की बदबू का सामना आज भी कर रहे हैं। बदबू से बचने के लिए बकायदा थाने परिसर में बड़ा एयर प्योरीफायर लगा हुआ है। यह यमुनापार का एकमात्र ऐसा थाना है जहां बिना एयर प्योरीफायर के सांस लेना पुलिसकर्मियों के लिए बड़ा मुश्किल है।
मौजूदा वक्त में उपाध्याय बाला शंकर थानाध्यक्ष हैं। थानाध्यक्ष ने कहा कि थाना पुलिस अपराध होने पर जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने पर ध्यान दे रही है। आम लोगों से बेहतर तालमेल स्थापित कर रही है। वरिष्ठ नागरिक हो या फिर महिलाएं थाने में सभी के लिए फ्रेंडली माहौल है। नवंबर के आखिर में रायपुर में गृह मंत्रालय की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें नंबर एक थाने की ट्राफी सौंपी जाएगी।
90 प्रतिशत केस सुलझाए का दावा
पुलिस ने बताया कि नंबर एक थाने का खिताब वर्ष 2024 के कामकाज को देखते हुए दिया गया है। पिछले साल थाने में 450 केस दर्ज हुए थे। इसमें हत्या, लूट, झपटमारी, सेंधमारी, सहित कई धाराओं में केस दर्ज किए गए थे। पुलिस ने दावा किया कि जो केस दर्ज हुए थे वह 90 प्रतिशत केस सुझला लिए गए थे। वारदात होने के एक से पांच दिनों में पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।
गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई टीम ने 70 पैमाने तय किए थे। इसमें अपराध का ग्राफ, अपराध सुलझाने की अवधि, सफाई, पुलिसकर्मियों का व्यवहार समेत कई पैमाने थे। पूर्वी जिले का थाना देश में नंबर एक चुना गया है, यह सभी के लिए खुशी का पल है। थाने के पुलिसकर्मियों की मेहनत सफल हुई। दाेगुनी उर्जा से थाने के पुलिसकर्मी आगे भी कार्य करेंगे। पुलिस का एक ही संकल्प है क्षेत्र को अपराध मुक्त बनाना।
अभिषेक धानिया, पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त

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