IndiGO की 'ऑपरेशन ब्रेकडाउन' से पैसेंजर्स परेशान, नवंबर में 1200 से अधिक उड़ानें रद; DGCA ने मांगी रिपोर्ट
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो की 85 प्रतिशत उड़ानें देरी से चल रही हैं, जिससे यात्री परेशान हैं। नवंबर में इंडिगो ने 1200 ...और पढ़ें

बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्री अपनी उड़ानों का पुनर्निर्धारण कराने के लिए इंडिगो के टिकटिंग कियोस्क पर कतारों में इंतजार करते हुए। कमोबेश देश के हर राज्यों में यही स्थिति देखी गई। राइटर्स
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से लेटलतीफी की चपेट में आई इंडिगो की उड़ानों के लिए बुधवार का दिन बदतर साबित हुआ। न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश के तमाम एयरपोर्ट से संचालित होने वाली इंडिगो की उड़ानें या तो घटों विलंबित हुईं या फिर अंत में उन्हें रद किया गया। इन सबके बीच यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। एयरपोर्ट के अंदर की बात करें तो उड़ान में विलंब के कारण टर्मिनल के भीतर यात्रियों की काफी भीड़ अपनी अपनी उड़ानों के इंतजार में जुटी रहीं।
10 दिनों से यह स्थिति लगातार बिगड़ती गई
उड़ानों के देरी से जुड़ी समस्या इंडिगो के लिए पिछले कई दिनों से परेशानी का कारण बनी हुई थी। आमतौर पर इंडिगो की उड़ानों के समय को लेकर यात्रियों में भरोसे की स्थिति रहती थी, लेकिन पिछले करीब 10 दिनों से यह स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई। बुधवार को यह स्थिति पूरी तरह धरातल पर आ गई।

हम अपने मूल्यवान यात्रियों से चाहते हैं क्षमा: इंडिगो
इंडिगो ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि तकनीकी समस्याओं, एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ और परिचालन संबंधी आवश्यकताओं सहित विभिन्न कारणों से हमारी कुछ उड़ानें प्रभावित हुई हैं। हमारी टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं ताकि परिचालन जल्द से जल्द सामान्य हो सके। इसके अलावा, प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ान या किराया वापसी की सुविधा दी जा रही है। इन असुविधाओं के लिए हमें खेद है और हम अपने मूल्यवान यात्रियों से क्षमा चाहते हैं।
एफडीटीएल का अनिवार्य पालन जरूरी
इंडिगो के आधिकारिक बयान के इतर सूत्रों की मानें तो इस स्थिति के पीछे की प्रमुख वजह इंडिगो के पास पायलट सहित क्रू के तमाम सदस्यों की कमी है। एयरलाइंस पिछले कई दिनों से इस समस्या से जूझ रही है। दरअसल, उड़ान नियामक संस्था ने पायलट व क्रू के सदस्यों को थकान की समस्या से निजात दिलाने के लिए नियम बनाए हैं। फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) के नाम से बने इस नियम के तहत पायलट और केबिन क्रू के लिए उड़ान के घंटे, ड्यूटी अवधि और आराम के समय पर सख्त सीमाएं लगाई गई हैं।

उड़ानें रद और विलंबित हुईं
इसके तहत साप्ताहिक आराम का समय बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है, रात की उड़ानें कम की गई हैं, और हर 24 घंटे में कम से कम 10 घंटे का आराम अनिवार्य है। इंडिगो पर इन नियमों का असर यह पड़ा है कि इन नए नियमों का पालन करने के लिए एयरलाइन को क्रू की कमी का सामना करना पड़ा है, जिससे उड़ानें रद और विलंबित हुई हैं।
कई उड़ानें करनी पड़ीं रद
सूत्रों का कहना है कि इन नियमों को लागू करने के लिए एयरलाइनों को अपने क्रू की संख्या बढ़ानी पड़ी और इंडिगो जैसे बड़े नेटवर्क वाली एयरलाइन को इसका सामंजस्य बिठाना मुश्किल हुआ। क्रू की कमी के कारण इंडिगो को बड़ी संख्या में उड़ानें रद करनी पड़ीं और कई उड़ानें विलंबित हुईं। सूत्रों का कहना है कि इन नियमों ने इंडिगो के उड़ान संचालन को बुरी तरह प्रभावित किया है, क्योंकि उसकी बहुत सी उड़ानें रात में होती हैं जो अब नए नियमों से प्रभावित हुई हैं।
नई दिल्ली पर क्या असर
नई दिल्ली से विभिन्न शहरों को जाने वाली इंडिगो की घरेलू उड़ानों पर जबरदस्त असर पड़ा। कई उड़ानें पांच से छह घंटे की देरी से रवाना हुई। अहमदाबाद की उड़ान तो सात घंटे विलंब से रवाना हुई। मुंबई की अधिकांश उड़ानों में दो से तीन घंटे की देरी सामान्य रही। गोरखुपर की उड़ान पांच घंटे विलंबित रहीं। पुणे की उड़ान पांच घंटे विलंबित रहीं।
इंडिगो की उड़ानों में विलंब का असर यह रहा कि आईजीआई एयरपोर्ट की समय सारिणी में इंतजार की घड़ियां काफी लंबी होती नजर आई। आईजीआई एयरपोर्ट से विलंबित उड़ानों में औसत करीब एक घंटे की देरी दर्ज की गई, जिसमें मुख्य योगदान इंडिगो की लेटलतीफी का रहा। यहां से करीब 85 प्रतिशत उड़ानें विलंबित रहीं।
उधर, आगमन की बात करें यहां भी इंडिगो की उड़ानें विलंब से पहुंची। कई उड़ानाें में तीन से चार घंटे की देरी दर्ज की गई।
नवंबर में इंडिगो ने रद कीं 1200 से अधिक उड़ानें
इंडिया की सबसे बड़ी एयरलाइन (मार्केट शेयर के हिसाब से) इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) ने नवंबर महीने में 1200 से ज्यादा उड़ानें रद कर दीं। यह जानकारी कंपनी द्वारा बुधवार को जारी प्रेस नोट में दी गई।
डीजीसीए कर रहा है जांच, एयरलाइन से मांगा जवाबडायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) इस पूरे मामले की जांच कर रहा है और एयरलाइन के साथ मिलकर उड़ान रद्द होने व देरी की घटनाओं को कम करने के उपायों पर विचार कर रहा है, ताकि यात्रियों को होने वाली असुविधा को न्यूनतम किया जा सके।
नागरिक उड्डयन नियामक ने एयरलाइन से स्पष्टीकरण भी मांगा है। प्रेस नोट में कहा गया है कि इंडिगो को डीजीसीए मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है, जहां उसे वर्तमान स्थिति तक पहुंचने के कारणों और चल रही देरी व रद्दीकरणों को कम करने की अपनी योजना पेश करनी होगी।

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