दिल्ली HC से सासंद कार्ति चिदंबरम को मिली राहत, INX मीडिया मामले में लगाई शर्त में दी ढील
दिल्ली हाईकोर्ट ने INX मीडिया मामले में कार्ति चिदंबरम को विदेश यात्रा पर बड़ी राहत दी है। अब उन्हें यात्रा से पहले कोर्ट से अनुमति नहीं लेनी होगी, बल्कि दो सप्ताह पूर्व यात्रा की जानकारी देनी होगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें मुकदमे में नियमित रूप से उपस्थित रहना होगा और कार्यवाही को लंबा खींचने का प्रयास नहीं करना चाहिए। सीबीआई ने इस याचिका का विरोध किया था।

दिल्ली हाईकोर्ट से सासंद कार्ति चिदंबरम को मिली राहत।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम को राहत देते हुए उनके खिलाफ INX Media भ्रष्टाचार मामले में लगी जमानत की एक अहम शर्त में ढील दी।
पहले उन्हें विदेश यात्रा से पहले ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेनी होती थी। अब अदालत ने यह शर्त बदलते हुए कहा कि कार्ति चिदंबरम को विदेश यात्रा से दो सप्ताह पहले अदालत और सीबीआई को अपनी यात्रा की जानकारी देनी होगी और पूरा ट्रैवल इटिनरेरी (यात्रा कार्यक्रम) साझा करना होगा।
न्यायमूर्ति रविंदर दुडेजा ने आदेश दिया कि चिदंबरम को अदालत की कार्यवाही में नियमित रूप से उपस्थित रहना होगा और किसी भी प्रकार से मुकदमे को लंबा खींचने की कोशिश नहीं करनी होगी।
कोर्ट ने कहा कि आवेदन को उपरोक्त शर्तों के साथ स्वीकार किया जाता है और निपटाया जाता है। इस मामले में विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा। बेल शर्त के अनुसार याचिकाकर्ता बिना ट्रायल कोर्ट की अनुमति के भारत नहीं छोड़ेंगे और यदि अब तक पासपोर्ट जमा नहीं किया है तो उसे ट्रायल कोर्ट में जमा कर देंगे।
इस सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कार्ति चिदंबरम की ओर से पैरवी की, जबकि सीबीआई की ओर से एसपीपी अनुपम एस. शर्मा पेश हुए। गौरतलब है कि कार्ति चिदंबरम को मार्च 2018 में एक समन्वय पीठ द्वारा जमानत दी गई थी, जिसमें यह शर्त रखी गई थी कि वे विदेश यात्रा से पहले ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेंगे।
सीबीआई ने इस याचिका का विरोध किया था और विजय माल्या के मामले का हवाला देते हुए कहा था कि ऐसी रियायतें भविष्य में दुरुपयोग का कारण बन सकती हैं। हालांकि, चिदंबरम की ओर से कहा गया कि वे एक सांसद हैं और फ्लाइट रिस्क नहीं हैं।
अदालत ने भी पहले अपने आदेश में कहा था कि चिदंबरम के समाज में गहरे संबंध हैं, उनके माता-पिता वरिष्ठ वकील हैं और उनका परिवार है, इसलिए उनके फरार होने की संभावना नहीं है। इस प्रकार, अब उन्हें ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेने की बाध्यता से राहत मिल गई है, हालांकि विदेश यात्रा से पहले अदालत और सीबीआई को पूर्व सूचना देना अनिवार्य रहेगा।
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