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    ISIS खलीफा ने ऑनलाइन दिलाई थी 'बैअत', यूट्यूब और इंस्टाग्राम के जरिये भारतीय युवाओं को बना रहे थे आतंकी

    By RAKESH KR. SINGHEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 06:50 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने त्योहारी सीजन में आतंकी हमले की साजिश रच रहे ISIS के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। मोहम्मद अदनान ने ISIS खलीफा से वफादारी की शपथ ली थी, जिसका वीडियो भी बनाया गया था। ये मॉड्यूल सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भर्ती कर रहा था। दोनों आरोपी सोशल मीडिया पर चरमपंथी सामग्री फैलाकर युवाओं को गुमराह कर रहे थे और दिल्ली में हमले की योजना बना रहे थे।

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    ISIS आतंकी अदनान खान और मोहम्मद अदनान को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में दिल्ली में आतंकी हमले की साजिश रच रहे ISIS के दो आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक को दक्षिण दिल्ली के सादिक नगर और दूसरे को मध्य प्रदेश के भोपाल से गिरफ्तार किया गया है।

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    अदनान खान उर्फ अबू मोहम्मद को भोपाल एटीएस के सहयोग से भोपाल में गिरफ्तार किया गया। सादिक नगर से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद अदनान ने सीरिया स्थित एक हैंडलर के माध्यम से वर्तमान आईएसआईएस खलीफा, अबू हफ्स अल-हाशिमी अल-कुरैशी से 'बैअत' (वफादारी की शपथ) लेने की बात स्वीकारी है।

    आईएसआईएस की पोशाक पहने हुए एक वीडियो में उसके बैअत को रिकाॅर्ड किया गया था। यह माॅड्यूल वीडियो प्रसारित कर युवाओं की भर्ती के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहा था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक मोहम्मद अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब, सादिक नगर और अदनान खान उर्फ अबू मोहम्मद, भोपाल का रहने वाला है। दोनों की उम्र 19-20 साल के करीब है।

    इनकी गिरफ्तारी से त्योहारी सीजन में दिल्ली के भीड़भाड़ वाले बाजारों में फिदायीन अथवा अन्य आतंकी घटना टल गई। स्पेशल सेल को आईएसआईएस पर नजर रखने के दौरान इस माॅड्यूल के बारे में पता चला था। यह माॅड्यूल सोशल मीडिया पर जिहादी वीडियो प्रसारित कर रहा था और त्योहारी सीजन में दिल्ली में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर हमलों की योजना बनाने के अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका था।

    मोहम्मद अदनान (दिल्ली) और अदनान खान (भोपाल) काफी समय से कई इंटरनेट मीडिया प्लेटफाॅर्म पर सक्रिय थे। ये लोग चरमपंथी सामग्री प्रसारित करने, युवाओं को जिहादी बनाने और आतंकी गतिविधियों का समन्वय करने का काम कर रहे थे। अदनान खान को पहले यूपी एटीएस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था।

    2024 में जमानत मिलने के बाद उसने ऑनलाइन भर्ती और दुष्प्रचार के जरिए, आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियां फिर से शुरू कर दी थीं। निगरानी से पता चला कि इस माॅड्यूल ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के लिए सामग्री जुटाना शुरू कर दिया था।

    खुफिया जानकारी के आधार पर स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक, एसीपी राहुल विक्रम, ह्दय भूषण के नेतृत्व में सेल की टीम ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर 16 अक्टूबर को पहले सादिक नगर में छापेमारी की। मोहम्मद अदनान खान को उसके घर के पास से दबोच लिया गया। पूछताछ में उससे कई अहम जानकारी मिली।

    उसके सोशल मीडिया के जरिए भोपाल के एक व्यक्ति के संपर्क में होने का पता चला। भोपाल स्थित वह व्यक्ति नियमित रूप से कट्टरपंथी जिहादी वीडियो भेजता था और दिल्ली स्थित मोहम्मद अदनान को उन्हें संपादित और प्रसारित करने का निर्देश देता था। दोनों सीरिया स्थित आईएसआईएस हैंडलर अबू इब्राहिम अल-कुरैशी के संपर्क में थे।

    मोहम्मद अदनान के आवास की तलाशी में तीन मोबाइल मिले। जिनमें आईएसआईएस से जुड़ी सामग्री, तस्वीरें और रिमोट डेटोनेशन सिस्टम, प्लास्टिक बम और मोलोटोव काॅकटेल बनाने के निर्देश, एक पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, एक आईएसआईएस का झंडा, बैअत के दौरान इस्तेमाल किए गए कपड़े और आईईडी में इस्तेमाल के लिए बनाई गई टाइमर घड़ी मिली।

    उससे पूछताछ के बाद 18 अक्टूबर को अदनान खान को भोपाल एटीएस के सहयोग से करोंद, भोपाल से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि ऑनलाइन जिहादी सामग्री देखने के बाद वह कट्टरपंथी हो गया था।

    उसने अपने इंस्टाग्राम पर धमकी भरी सामग्री पोस्ट की थी। जिसमें एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को धमकी देने वाली पोस्ट भी शामिल थी, जब न्यायाधीश ने ज्ञानवापी का वीडियो सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। उसे पहले यूपी एटीएस ने 2024 में गिरफ्तार किया था।

    उस मामले में जमानत मिलने के बाद, उसने चरमपंथी सामग्री पोस्ट करने और समान विचारधारा वाले व्यक्तियों की भर्ती करने के लिए यूट्यूब, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफाॅर्मों पर चैनल बनाकर चरमपंथी गतिविधियां शुरू कर दी थीं।

    आईएसआईएस के संपर्क में आने के बाद दोनों को शुरू में प्रचार कार्य सौंपे गए। बाद में दोनों ने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए इंस्टाग्राम रील में कट्टरपंथी वीडियो बनाकर पोस्ट कराना शुरू कर दिया था।

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