मल्टीनेशनल कंपनियों में रही महिला वकील को आठवीं पास जालसाजों ने ठगा, नौकरी के नाम पर लगाया चूना
दिल्ली में एक हैरान कर देने वाले मामले में, आठवीं पास धोखेबाजों के एक गिरोह ने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से जुड़ी महिला वकील को नौकरी का झांसा देकर 39 हजार रुपये ठग लिए। साइबर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश जारी है। आरोपियों ने ऑनलाइन इंटरव्यू कराकर और फर्जी शुल्क के नाम पर पैसे वसूले। पुलिस ने खाते की जांच कर आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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साइबर थाना पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा, दोनों आठवीं पास, दो अन्य की तलाश जारी।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के मास्टरमाइंड और उसके एक सहयोगी की पुलिस तलाश कर रही है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों से जुड़ीं महिला वकील को पैनल एडवोकेट की नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 39 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।
महिला वकील का ऑनलाइन इंटरव्यू भी कराया दिया, लेकिन नौकरी नहीं मिली तब उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी आठवीं पास हैं। पुलिस ने आरोपियों से दो मोबाइल, एक चेकबुक, एक पासबुक व एक सिम बरामद किया है।
रोहिणी सेक्टर-28 निवासी एक महिला वकील ने बाहरी-उत्तरी जिले के साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में महिला ने बताया कि steps4career.com के जाब कंसल्टेंट आशीष साहनी नाम के एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और उन्हें पैनल एडवोकेट की नौकरी का प्रस्ताव दिया।
पंजीकरण एवं दस्तावेज़ सत्यापन शुल्क सहित विभिन्न बहाने बनाकर 39 हजार 498 रुपये का भुगतान अपने खाते में करा लिया। इसके बाद जालसाज ने न तो कोई नौकरी दिलाई और न ही राशि वापस की।
जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर स्वामी ने बताया कि जांच में एक्सिस बैंक के एक खाते में तीन लेनदेन में सामने आए। 22 अगस्त को 6500 रुपये, 25 अगस्त को 13,999 रुपये और 18,999 रुपये ट्रांसफर किए गए।
बाद में इस राशि को एयू स्माल फाइनेंस बैंक के खाता में 33 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए। उन्होंने बताया कि एक्सिस बैंक के खाताधारक की पहचान दिल्ली निवासी मोहम्मद अकबर और एयू बैंक के खाताधारक की पहचान संजय अहिरवाल के रूप में हुई।
जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि साइबर अपराध थाना प्रभारी गोबिंद सिंह के नेतृत्व में टीम ने कई स्थानों पर छापे मारे। लेकिन, पकड़ में नहीं आए। इसकी वजह थी आरोपी बार-बार अपने सिम और डिवाइस के साथ-साथ अपने ठिकाने भी बदल रहे थे। मोबाइल नंबरों की निगरानी पर अंततः आरोपी मोहम्मद अकबर को पकड़ लिया गया।
पूछाताछ पर आरोपी मोहम्मद अकबर ने इस मामले में द्वारका सेक्टर-16बी निवासी रूपेंद्र कुमार और उसके एक अन्य सहयोगी संजय अहिरवाल की संलिप्तता के बारे में बताया। इस आधार पर छापेमारी कर सह-आरोपी रूपेंद्र कुमार काे गिरफ्तार किया गया।
सह-आरोपी ने बताया कि मुख्य आरोपित का नाम प्रद्युम्न पांडे है। वह ऑनलाइन नौकरी देने के नाम पर धोखाधड़ी कर लोगों से पैसा लेकर विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करा देता था। रूपेंद्र के अनुसार, वह समन्वयक के रूप में काम करता था और अकबर और संजय अहिरवाल जैसे स्थानीय व्यक्तियों को धोखाधड़ी से धन हस्तांतरित करने के लिए अपने खाते उपलब्ध कराने की व्यवस्था की।
दस प्रतिशत कमीशन में उपलब्ध कराते थे बैंक खाता
जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपी मोहम्मद अकबर आठवीं तक पढ़ा है और मामराज मोहल्ला, गढ़ी, मंदिर के पास रहता है। उसने 10 प्रतिशत कमीशन के बदले में ठगी की रकम प्राप्त करने के लिए अपना एक्सिस बैंक खाता सह-आरोपी रूपेंद्र को उपलब्ध कराया था। रूपेंद्र भी आठवीं तक पढ़ा है व उसकी दो आपराधिक मामलों में संलिप्तता सामने आई है।
पैसा पहले अकबर के एक्सिस बैंक खाते में भेजा गया, फिर संजय के एयू स्माल फाइनेंस बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया। संजय ने रकम निकालकर रूपेंद्र को दे दी, जिसने अपना 10 प्रतिशत हिस्सा रख लिया और बाकी प्रद्युम्न पांडे को दे दिया।
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