लुटियंस दिल्ली की सड़कें होंगी चकाचक, एनडीएमसी का बड़ा प्लान; अगले महीने से शुरू होगा विशेष कार्यक्रम
एनडीएमसी लुटियंस दिल्ली की 79 सड़कों को मार्च 2026 तक नया रूप देने जा रहा है। 92 करोड़ की लागत से सड़कों की ऊँची-नीची ढलान और दरारें ठीक की जाएंगी। सीआरआरआई के सर्वेक्षण के बाद यह फैसला लिया गया है, क्योंकि सड़कों की खराब बनावट से जलभराव की समस्या होती थी। मानसून के बाद निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही सुधार कार्य शुरू हो जाएगा।
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लुटियंस दिल्ली की 79 सड़कें मार्च 2026 तक नए तरह से बन जाएगी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लुटियंस दिल्ली की 79 सड़कें मार्च 2026 तक नए तरह से बनी हुई नजर आएगी। एनडीएमसी इसके लिए अगले एक माह में विशेष सुधार कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। सुधार कार्यक्रम के एनडीएमसी ने निविदा आमंत्रित की है। इसमें 92 करोड़ की लागत से इन सड़कों का सुधार होगा।
इसमें सड़कों में ऊंचा नीचा डलान और सड़कों में दरारें से लेकर सड़कों की री-कारपेटिंग तक की जाएगी। एनडीएमसी इसके लिए निविदा आमंत्रित की है। निविदा प्रक्रिया माह के अंत तक पूरी हो जाएगी। साथ ही अगले एक से डेढ़ माह में कार्य शुरू हो जाएगा। एनडीएमसी ने मार्च 2026 तक इसी वित्त वर्ष में इस सुधार कार्यक्रम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने बताया कि हमने केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआइ) से अपनी सड़कों का सर्वेक्षण कराया था। इसमें 79 प्रमुख एवेन्यू रोड शामिल थीं। जो कि कनाट प्लेस, जनपथ, कस्तूरबा गांधी मार्ग, संसद मार्ग, राजेंद्र प्रसाद रोड, गोल्फ लिंक कालोनी, सरदार पटेल मार्ग, अकबर रोड जैसी सड़कें शामिल थी। इन सड़कों की बनावट कई जगह पर ऊंची नीची थी जो कि वाहनों के लिए सुगम नहीं है।
ऐसे में हमने सीआरआरआई के सुझाव पर सड़कों का सुधार कार्यक्रम काउंसिल से मंजूर किया था। चूंकि मानसून के दौरान सड़कों को ठीक नहीं किया जा सकता है। ऐसे में हमने अब मानसून बीतने के बाद निविदा प्रक्रिया को शुरू किया है। 45 दिनों के भीतर इन सड़कों पर सुधाक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। चहल ने कहा कि एनडीएमसी चरणबद्ध तरीके से यह सुधार कार्यक्रम कर रहा है। चूंकि एनडीएमसी के 101 कुल एवेन्यू रोड हैं और कई लेन हैं। इनका भी सर्वे कराकर इनका सुधार कार्य किया जाएगा।
सीआरआरआइ की रिपोर्ट के अनुसार सड़कों की खराब बनावट की वजह जलभराव की समस्या होती थी साथ ही सड़कें क्षतिग्रस्त भी जल्दी होती थी। इसलिए सड़कों में 40-50 मिलीमीटर सड़क की परत हटाकर उसे सही किया जाएगा। ताकि जलभराव की समस्या न हो। साथ ही वाहनों भी सुगम तरीके से चल सके।
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