MCD ने 9 माह से लंबित भुगतान जारी किया, 13.5 करोड़ रुपये से तेज होगा बंध्याकरण अभियान
दिल्ली नगर निगम (MCD) ने 9 महीने से लंबित भुगतान जारी कर दिया है, जिससे बंध्याकरण अभियान में तेजी आएगी। निगम ने इस अभियान के लिए 13.5 करोड़ रुपये आवंट ...और पढ़ें
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सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाग, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों से हटाकर आश्रय गृहों में भेजने के निर्देश के बीच एमसीडी ने कुत्तों के बंध्याकरण केंद्रों के लिए 13.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इसमें दिल्ली के आवारा कुत्तों के लिए 20 बंध्याकरण केंद्र चलाने वाले 13 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) का नौ माह का बकाया भुगतान भी शामिल है।
एमसीडी के एक अधिकारी के अनुसार, इस वर्ष मार्च माह से इन एनजीओ को कोई भुगतान नहीं किया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार निर्देश दिए हैं कि एमसीडी आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने और रेबीज के मामलों को कम करने के लिए उनके बंध्याकरण पर जोर दे।
9 माह से अटका था भुगतान
एनजीओ को नौ माह से भुगतान अटकने से बंध्याकरण और टीकाकरण कार्य प्रभावित हो रहे थे। जारी वित्त वर्ष में इस मद में कोई बजट नहीं जारी हुआ था। एमसीडी प्रति बंध्याकरण और टीकाकरण पर एनजीओ या पशु चिकित्सक को एक हजार रुपये का भुगतान करता है। यह जांच टीम के सत्यापन के बाद दो से तीन माह में जमा किया जाता है।
प्रस्ताव के अनुसार, अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक 1.2 लाख आवारा कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण हुआ था, जिसके भुगतान पहले किए जा चुके हैं। मार्च से जून 2025 के बीच 42,761 कुत्तों का इलाज हुआ था, जिनका चार करोड़ 20 लाख रुपये बकाया है।
अप्रैल 2025 से फरवरी 2026 के बीच 1.35 लाख कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण होने का अनुमान है, जिसके लिए कुल 13.5 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जिसमें पिछली बकाया राशि भी शामिल है।
माइक्रोचिप आधारित निगरानी और जुर्मानाः कुत्तों पर माइक्रोचिप लगाकर बंध्याकरण की नियमित निगरानी की जाएगी। यदि किसी क्षेत्र में आवारा कुत्तों के बच्चे पाए जाते हैं तो संबंधित एनजीओ को जुर्माना किया जाएगा। नियमों के अनुसार, हर नए कुत्ते के बच्चों के लिए एनजीओ के वार्षिक भुगतान में दो प्रतिशत कटौती होगी, जबकि रेबीज से होने वाली मौतों के मामले में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
द्वारका में बनेगा पहला आश्रय गृह
आक्रामक आवारा कुत्तों को रखने के लिए एमसीडी का पहला आश्रय गृह द्वारका सेक्टर-23 में 2.5 एकड़ जमीन पर बनेगा। इसे लगभग चार माह में तैयार कर लिया जाएगा। यहां 1,500 कुत्ते रखे जा सकेंगे। इसी तरह, एमसीडी ने अब तक 130 वार्डों में आवारा कुत्तों को भोजन देने के लिए 423 स्थान चिह्नित किए हैं, जिनमें से 14 स्थानों पर साइनबोर्ड भी लगाए गए हैं।

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