सिस्टम होगा हाई-टेक: एमसीडी टोल जल्द होगा फास्टैग से लैस, व्यावसायिक वाहनों को दो टैग की जरूरत होगी खत्म
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अपने टोल सिस्टम को आधुनिक बनाने जा रहा है। अब एमसीडी टोल प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स का भुगतान किया जा सकेगा, जिससे व्यावसायिक वाहनों को दो टैग लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रणाली से टोल संग्रह सुव्यवस्थित होगा, पारदर्शिता आएगी और टोल प्लाजा पर वाहनों की आवाजाही सुगम होगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। देशभर की तरह दिल्ली में भी व्यावसायिक वाहनों को आने वाले दिनों में टोल चुकाने के लिए दो-दो आरएफआईडी टैग रखने की जरूरत नहीं होगी। आने वाले दिनों में एमसीडी भी अपना टोल का भुगतान फास्टैग से कराने की दिशा में काम कर रही है। इससे उन व्यावसायिक वाहन चालकों को सहूलियत होगी जो दो-दो टैग रिचार्ज कराने की समस्या से जूझ रहे थे। एमसीडी यह व्यवस्था जब लागू करेगी तब नई कंपनी को टेंडर संग्रहण की जिम्मेदारी दी जाएगी।
फास्टैग से एमसीडी टोल का संग्रहण का निर्णय तब लिया है जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सभी तरह के व्यावसायिक वाहनों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) की मंजूरी दे दी।
एमसीडी के सामने पूर्व में फास्टैग से जोड़ने में काफी अड़चन थी। क्योंकि, ईसीसी वसूलने में कई तरह की शर्तें थी। जिसमें खाली वाहन से अलग शुल्क लिया जाता था जबकि फल और जरुरी वस्तुओं को लाने पर टैक्स से छूट थी जबकि फास्टैग में यह व्यवस्था नहीं है।
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चूंकि अब ईसीसी में छूट की बाध्यता खत्म हो गई है तो हम सभी व्यावसायिक वाहनों को भी फास्टैग से जोड़ देंगे। हालांकि इसके लिए अभी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से बातचीत चल रही है।
हमारा टोल संग्रहण के लिए नई कंपनी को टेंडर होना है। जब यह प्रस्ताव आएगा और टेंडर आमंत्रित होगा तो हम टेंडर की शर्तों में यह प्रविधान करेंगे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में निजी वाहनों के प्रवेश पर तो टोल से छूट है जबकि व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर टोल लिया जाता है। 2019 में एमसीडी ने पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के निर्देश पर 13 प्रमुख टोल नाकों पर आरएफआइडी से टोल संग्रहण शुरू किया था ताकि नकद टोल वसूली में वाहनों के खड़ा होने से वायु प्रदूषण न हो।
इसके लिए एमसीडी ने अपना आरएफआईडी युक्त टैग जारी किया था। इसे एमसीडी की वेबसाइट या टोल नाको पर रिचार्ज कराया जा सकता है लेकिन देशभर में फास्टैग होने से उन व्यावसायिक वाहन चालकों को दिक्कत होती थी जो फास्टैग तो रिचार्ज करा लेते थे लेकिन एमसीडी टैग रिचार्ज कराना भूल जाते थे। साथ ही ड्राइवर के जरिये उन्हें दोनों टैग का अलग-अलग हिसाब भी रखना पड़ता था।
फ्री लेन में लगेंगे एएनपीआर कैमरे
एमसीडी अपनी टोल संग्रहण प्रणाली को तकनीक युक्त करने के लिए फ्री लेन में स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरों को लगाने पर विचार कर रहा है। ताकि फ्री लेन में आने वाले व्यावसायिक वाहनों के रोकने से या टोल संग्रहण से जाम न लगे।
एमसीडी अधिकारियों के अनुसार अभी फ्री लेन में व्यावसायिक वाहन आ जाते हैं उनसे टोल वसूलने के लिए कर्मचारी गाड़ियों को रोकते हैं को जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
उन्होंने बताया कि जब एएनपीआर कैमरे लग जाएंगे तो तब ऐसा नहीं होगा। जैसे ही गाड़ी निकलेगी तो वाहन नंबर को कैमरे स्कैन कर लेंगे और वाहन पर पजीकृत फास्टैग या एमसीडी टैग से टोल राशि वसूल ली जाएगी।
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