मिरांडा हाउस ने दिलाई 15 गुमनाम महिलाओं को पहचान, संविधान बनाने में थी इनकी अहम भूमिका
मिरांडा हाउस कॉलेज ने संविधान निर्माण में योगदान देने वाली 15 गुमनाम महिलाओं को पहचान दिलाई है। इन महिलाओं ने संविधान सभा में सक्रिय भूमिका निभाई और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। कॉलेज ने उनके जीवन और कार्यों पर शोध कर प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिससे उनके योगदान को उजागर किया गया और उनके परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई।
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संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों को समर्पित एक डिजिटल और इंटरैक्टिव म्यूज़ियम के लॉन्च के दौरान फैकल्टी और स्टूडेंट्स। कॉलेज
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। संविधान दिवस के मौके पर, दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस ने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों को समर्पित एक डिजिटल और इंटरैक्टिव म्यूजियम लॉन्च करके एक बड़ी पहल की। भारतीय संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली इन महिलाओं के योगदान को अक्सर मुख्यधारा के इतिहास में नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह म्यूजियम न केवल उनकी भूमिका को दिखाता है, बल्कि नई पीढ़ी को देश के संवैधानिक इतिहास से जोड़ने का एक मज़बूत जरिया भी है।
यह इवेंट वर्चुअली हुआ, जिसमें दिल्ली समेत अलग-अलग जगहों से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स, फैकल्टी मेंबर्स और मेहमान शामिल हुए। इस पहल को दिल्ली यूनिवर्सिटी साउथ कैंपस की डायरेक्टर, दिल्ली की पूर्व मेयर और मिरांडा हाउस की पूर्व छात्रा प्रोफेसर रजनी अब्बी ने लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म संविधान बनाने वाली महिलाओं के विज़न, संघर्षों और योगदान को बनाए रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इवेंट में 100 से ज़्यादा स्टूडेंट्स की सक्रिय भागीदारी ने इस प्रोजेक्ट के लिए उत्साह को साफ़ तौर पर दिखाया।
डिजिटल म्यूजियम मिरांडा हाउस की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है, जबकि इसका फिजिकल कलेक्शन कॉलेज लाइब्रेरी में बनाया गया है। इसमें भाषण, डॉक्यूमेंट्स, दुर्लभ तस्वीरें, किताबें और ऑडियो-वीडियो मटीरियल शामिल हैं जो इन 15 महिलाओं के सफ़र और विचारों को जिंदा करते हैं। इस मौके पर प्रिंसिपल प्रोफेसर बिजयलक्ष्मी नंदा ने कहा, "हमें इन महान महिलाओं के योगदान को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने पर गर्व है, जिन्होंने संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाई।"

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