Delhi Blast: अल-फलाह ट्रस्ट पर 16 घंटे चला ED का छापा, मनी लॉन्ड्रिंग में चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी गिरफ्तार
अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। दिल्ली और फरीदाबाद में छापेमारी के बाद यह कार्रवाई हुई। जवाद पर ट्रस्ट के फंड को परिवार की कंपनियों में ट्रांसफर करने का आरोप है। जांच दिल्ली पुलिस की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें यूनिवर्सिटी पर झूठे दावे करने का आरोप है।

अल-फलाह के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार करके ले जाती ईडी। विपिन कुमार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जामिया नगर में स्थित अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के दफ्तर में पिछले 16 घंटे तक चली ईडी की छापेमारी के बाद बड़ी कार्रवाई सामने आई है। एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी और उसके भाई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया।
वहीं, जवाद की बहन को भी पूछताछ के लिए साथ ले जाने की तैयारी चल रही है। यह कार्रवाई मंगलवार को दिल्ली और फरीदाबाद में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद सामने आई है। सिद्दीकी की गिरफ्तारी PMLA की धारा 19 के तहत की गई है
दो FIR के आधार पर शुरू हुई थी जांच
ED ने अल-फलाह ग्रुप के खिलाफ जांच दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज दो एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। एफआईआर में आरोप है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद ने झूठा दावा किया था कि उसे NAAC से उच्च रेटिंग मिली है, ताकि छात्रों और अभिभावकों को गुमराह किया जा सके।
यूनिवर्सिटी ने UGC की धारा 12(B) के तहत मान्यता पाने का भी झूठा दावा किया, जबकि UGC ने स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी केवल धारा 2(f) के तहत एक स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में शामिल है और 12(B) की मान्यता के लिए कभी आवेदन भी नहीं किया।
ट्रस्ट के जरिये पूरे ग्रुप पर जवाद का नियंत्रण
अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट, जिसकी स्थापना 1995 में हुई, जवाद अहमद सिद्दीकी के नियंत्रण में बताया जाता है। यही ट्रस्ट यूनिवर्सिटी, विभिन्न कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को संचालित करता है। सूत्रों के अनुसार, 1990 के दशक से अल फलाह समूह का तेजी से विस्तार हुआ, लेकिन वित्तीय स्थिति उस पैमाने को समर्थन नहीं देती।
19 ठिकानों पर छापे, 48 लाख रुपये कैश बरामद
इस कार्रवाई में ईडी ने दिल्ली और फरीदाबाद में 19 स्थानों पर तलाशी ली। जांच में खुलासा हुआ कि कई करोड़ रुपये की अवैध कमाई ट्रस्ट के माध्यम से की गई। ये धनराशि परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों में ट्रांसफर की गई।
तलाशी के दौरान 48 लाख रुपये नकद, कई डिजिटल डिवाइस और अहम दस्तावेज बरामद किए गए। जवाद सिद्दीकी पर फंड डायवर्जन का सीधा आरोप है। सूत्रों का कहना है कि जवाद सिद्दीकी ने ट्रस्ट को पूरी तरह नियंत्रित किया और फंड डायवर्जन और लेयरिंग के माध्यम से परिवार की फर्मों को अवैध भुगतान किया गया।
अब तक दुबई में था जवाद अहमद सिद्दीकी
सूत्रों के मुताबिक जवाद अहमद सिद्दीकी अब तक दुबई में था। दिल्ली पुलिस की ओर से नोटिस मिलने के बाद सोमवार रात ही वह लौटा। उसके आते ही ईडी की टीम ने जामिया नगर स्थित उसके आवास व दफ्तर, तिकोना पार्क के पास उसके भाई सऊद अहमद सिद्दीकी के फ्लैट समेत शाहीनबाग में चार जगहों पर ईडी ने एक साथ छापेमारी शुरू की।
शाहीनबाग स्थित आठ नंबर गली के 'बी', 'सी' और 'डी' ब्लाक समेत छह नंबर गली में ट्रस्ट के लीगल एडवायजर, स्टाफ व कुछ टीचर के फ्लैट पर भी दिनभर जांच चली। लंबे अरसे बाद शाहीनबाग और जामिया नगर में भारी फोर्स देख निवासी और बच्चे सशंकित नजर आए।
आते-जाते छात्र-छात्राएं सुरक्षाकर्मियों से मासूमियत से पूछते रहे 'अंकल यहां क्या चल रहा है...'। पुलिस व अर्ध सैनिक जवानों ने मुस्कुराते हुुए उनके जवाब भी दिए। सुबह पांच बजे शुरू हुई कार्रवाई रात 9.21 बजे तक चली।
सऊद से भी चली ईडी की पूछताछ
अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन और मैनेजिंग ट्रस्टी जवाद के अलावा उनकी पत्नी शमीमा सिद्दीकी, बेटी आलिया सिद्दीकी, भाई सुफियान अहमद सिद्दीकी, सऊद अहमद सिद्दीकी, एक बहन व एक रिस्तेदार ट्रस्टी हैं। सूत्रों के मुताबिक हर गलत काम करने के लिए जवाद सऊद को ही आगे करता था।
बाद में काॅलेज और फिर यूनिवर्सिटी बनने के बाद जवाद ने सऊद के आपराधिक रिकाॅर्ड के चलते उससे किनारा करना शुरू किया। ट्रस्ट के साथ ही अपने हर काम से उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जामिया नगर के ही एक फ्लैट में सऊद परिवार के साथ रहता है। ईडी उसके घर भी पहुंची। दिनभर सऊद से भी पूछताछ होती रही।
भाई व बहन को भी साथ ले गई टीम
सूत्रों की माने तो जवाद के भाई सुफियान अहमद सिद्दीकी और बहन को भी टीम साथ ले गई है। हालांकि ईडी की ओर से केवल जवाद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी की ही पुष्टि की गई।
सूत्र बताते हैं कि जवाद जिन 15 से अधिक कंपनियों में निदेशक या अन्य अहम पदों पर है, उनमें से अधिकतर ट्रस्ट के इसी पते पर ही पंजीकृत हैं। दुबई में भी अल फलाह के ही नाम से कंस्ट्रक्शन कंपनी है। ईडी की कार्रवाई हवाला के जरिये विदेशी फंडिंग के दावों को पुष्ट कर रही है।

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