पटेल प्रतिमा का अभिषेक केवल श्रद्धा ही नहीं बल्कि एकता, अखंडता और समर्पण का प्रतीक: रेखा गुप्ता
दिल्ली सरकार ने एकता दिवस पर पटेल चौक में सरदार पटेल की प्रतिमा का 25 नदियों के जल से अभिषेक किया। मुख्यमंत्री ने एकता मार्च का नेतृत्व किया, जिसमें विद्यार्थियों और युवाओं ने भाग लिया। सीएम ने कहा कि भारत केवल भूमि नहीं, इसकी चेतना हमारी नदियों में प्रवाहित होती है। सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधा था, और उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

25 नदियों के जल से पटेल की प्रतिमा का किया अभिषेक, सीएम ने एकता मार्च की अगुवाई
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने एकता दिवस को अनोखे तरीके से मनाया। एक ओर जहां सीएम ने जल संगम से जन संगम नाम के कार्यक्रम के आयोजन में पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा का 25 नदियों के जल से अभिषेक किया। इसके बाद पटेल चौक से लेकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक तक एकता मार्च की तिरंगा लहराते हुए शहरी मंत्री आशीष सूद के साथ अगुवाई की।
इस मार्च में विद्यार्थियों, एनएसएस स्वयंसेवकों, माय भारत के युवाओं और शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह अभिषेक केवल श्रद्धा का प्रतीक नहीं, बल्कि यह एकता, अखंडता और समर्पण की उस भावना का प्रतीक है, जिसे सरदार पटेल ने देश की आत्मा में प्रवाहित किया था।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के विद्यार्थियों ने देश की 25 पवित्र नदियों जैसे झेलम, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी आदि से जल एकत्र किया, जो भारत की विविध सांस्कृतिक धाराओं और एकात्म चेतना का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत केवल भूमि का टुकड़ा नहीं, इसकी चेतना हमारी नदियों में प्रवाहित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मार्च मात्र एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की विविधता में निहित एकता के उस विचार का जीवंत प्रदर्शन थी, जिसे सरदार पटेल ने अपने जीवन से साकार किया।
सीएम ने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल वह है, जिन्होंने पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोकर एकता और अखंडता का नया युग स्थापित किया। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में सरदार पटेल जी की जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की, जिससे आज प्रत्येक भारतीय उनके आदर्शों से प्रेरणा ले रहा है।
शहरी मंत्री आशीष सूद ने कहा कि विभाजन की सबसे कठिन घड़ी में जब दिल्ली टूट रही थी और लाखों शरणार्थी हिंदू खुले आसमान के नीचे असहाय खड़े थे, तब सरदार वल्लभभाई पटेल इस शहर के सबसे बड़े संरक्षक बनकर सामने आए।
उन्होंने कानून-व्यवस्था संभाली, राहत शिविर खड़े किए और पंजाब, सिंध व सीमांत प्रांत से आए हर विस्थापित परिवार को यह भरोसा दिलाया कि दिल्ली अब उनका घर है। आज दिल्ली की जो विविधता, साहस और जीवटता हम देखते हैं, वह उसी दूरदर्शिता की देन है।
दिल्ली पुलिस ने भी किया विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
दिल्ली पुलिस ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150 जयंती पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। इसमें पुलिस के अधिकारियों व कर्मियों ने मुख्यालय से लेकर थानों तक देश की एकता और अंखडता के लिए शपथ ली।
वहीं, थाना स्तर पर भी एकता दौड़ का आयोजन किया गया। नई दिल्ली के डीडीयू मार्ग पर सेंट्रल रेंज द्वारा आयोजित एकता दौड़ में विशेष आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) रविंद्र सिंह यादव और क्रिकेटर युद्धवीर चहल भी शामिल हुए। इसी तरह अलग-अलग रेंज में पुलिस के अधिकारी एकता दौड़ का हिस्सा बने। वहीं, पौधरोपण का अभियान भी पुलिस द्वारा चलाया गया।

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