दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र हैं संजय सिंह, गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी की बढ़ीं मुश्किलें
Sanjay Singh Arrested संजय सिंह की गिरफ्तारी से कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ने की संभावना है। यहां तक कहा जा रहा है कि दिनेश अरोड़ा व राघव रेड्डी के सरकारी गवाह बनने से आने वाले दिनों में कुछ और आप नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। आप के लिए संगठन के मजबूती से विस्तार को लेकर चुनौती बढ़ गई है।

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। संजय सिंह की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिस आबकारी घोटाले में संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई है, इसी मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मार्च से ही जेल में हैं। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन भी मनी लान्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं।
कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ने की संभावना
करीब एक साल तक जेल में रहे हैं और अदालत के आदेश पर मेडिकल ग्राउंड के आधार पर फिलहाल जेल से बाहर हैं। मगर सिसोदिया की तरह ही पार्टी के लिए उनका योगदान भी न के बराबर है। अब पार्टी के एक और बड़े नेता की गिरफ्तारी से कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ने की संभावना है। यहां तक कहा जा रहा है कि दिनेश अरोड़ा व राघव रेड्डी के सरकारी गवाह बनने से आने वाले दिनों में कुछ और आप नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
AAP को खत्म करने की केंद्र की साजिश
ऐसे में आप के लिए संगठन के मजबूती से विस्तार को लेकर चुनौती बढ़ गई है। उधर आप नेताओं का कहना है कि भाजपा की केंद्र सरकार आप को समाप्त करने की साजिश रच रही है। मगर केंद्र में बैठे भाजपा के बड़े नेता अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे, वे आप को समाप्त करने की जितनी कोशिश करेंगे आप उससे दोगुनी ताकत से आगे बढ़ेगी।
देश के कई राज्यों पर AAP की नजर
खास बात है कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की नजर देश के कई राज्यों पर है। मगर राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आप को बड़ा झटका उस समय लगा था, जब गत 26 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद पार्टी के सबसे बड़े चेहरा व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसादिया को शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया था। उस समय पार्टी की राष्ट्रीय विस्तार योजना काे झटका लग चुका है।
वैसे सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भी आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मिलकर खासकर मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में कई सफल जनसभाएं की हैं।
मगर आप को सिसाेदिया की कमी हर मोर्चे पर खली है। आबकारी घोटाले में अब संजय सिंह की गिरफ्तारी आप संगठन के लिए शुभ संकेत नही है।

संजय सिंह उत्तर प्रदेश के प्रभारी होने के नाते खासकर उत्तर प्रदेश में संगठन खड़ा करने में लंबे समय से लगे हुए थे। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए कार्यकर्ता में इस बात की भी चर्चा है कि संजय सिंह के जेल जाने पर बाहर आने में देरी भी हो सकती है।
पहले ही दिल्ली सरकार के दो कद्दावर मंत्रियों के जेल जाने से पार्टी की छवि कहीं न कहीं प्रभावित हुई है।
AAP के सामने हैं कई कठिनाइयां
आप संगठन और आप की दिल्ली सरकार के सामने कई कठिनाइयां हैं, दिल्ली सरकार में आए दिन किसी न किसी मामले में जांच के आदेश जारी हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के आवास में नवीनीकरण में अनियमितताओं को लेकर सीबीआई भी जांच करने जा रही है।
ये सब ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर आप दिल्ली में ही घिर जा रही है और दूसरे राज्यों में पार्टी विस्तार के अभियान को कहीं न कहीं व्यवधान पहुंच रहा है।
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आम आदमी पार्टी का गठन नवंबर 2012 को हुआ था। पार्टी ने 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा और एतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 70 में 28 सीटें जीती। इसके बाद 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीतीं।
फिर 2020 के विधानसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में 62 सीटों पर जीत दर्ज की। वर्तमान में आप के पास पूरे देश में 161 विधायक हैं, जिसमें 62 दिल्ली, 92 पंजाब, दो गोवा, पांच गुजरात में हैं। इसके अलावा एक लोकसभा सदस्य व 10 राज्यसभा सदस्य हैं। वहीं दिल्ली नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी सत्ता में है।

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