दिल्ली बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, जानिए क्या है अन्य महानगरों का हाल? पढ़ें CSE रिपोर्ट
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित महानगर है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के नए विश्लेषण में सामने आया है कि इस सर्दी में दिल्ली को एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली।

राज्य ब्यूरो जागरण, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित महानगर है।
प्रदूषण का स्तर 65 फीसद अधिक
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के नए विश्लेषण में सामने आया है कि इस सर्दी में दिल्ली को एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली। प्रदूषण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आठ दिन हवा की गुणवत्ता 'बेहद गंभीर', 12 दिन 'गंभीर' और 68 दिन 'बहुत खराब' रही।
18 नवंबर 2024 को हालात इस हद तक खराब हो गए कि पीएम 2.5 का स्तर 602 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पहुंच गया। पिछले चार साल पर नजर डालें तो किसी भी दिन दिल्ली की हवा इतनी खराब नहीं रही। पिछली सर्दी के सबसे प्रदूषित दिन से तुलना करें तो इस दिन प्रदूषण का स्तर 65 फीसद अधिक था।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से जारी मानकों पर नजर डालें तो प्रदूषण का यह स्तर 40 गुना अधिक था।
प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है इस शहर का नाम
सीएसई ने अपनी इस नई रिपोर्ट में दिल्ली समेत छह भारतीय महानगरों का विश्लेषण किया है। इनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बढ़ते प्रदूषण का असर इन सभी महानगरों पर पड़ रहा है। यहां तक कि कोलकाता और हैदराबाद जैसे शहरों में भी, जहां भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियां कहीं ज़्यादा अनुकूल हैं, स्थिति अभी भी चिंताजनक है।
2024-25 की सर्दियों (1 अक्टूबर 2024 से 31 जनवरी 2025) के दौरान इन सभी महानगरों में स्थिति खराब रहेगी। प्रदूषण का स्तर और उसके चरम का समय स्थानीय मौसम के हिसाब से अलग-अलग होगा।
कोलकाता देश का दूसरा सबसे प्रदूषित महानगर रहा, जहां 2024-25 की सर्दियों में पीएम 2.5 का औसत स्तर 65 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। विश्लेषण से पता चला कि पिछली सर्दियों की तुलना में बेंगलुरु, मुंबई और कोलकाता में पीएम 2.5 का स्तर कम हुआ, लेकिन चेन्नई और हैदराबाद में यह पिछले साल के समान ही रहा।
2024-25 की सर्दियों के दौरान हैदराबाद में पीएम 2.5 का औसत स्तर 52 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, मुंबई में 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, बेंगलुरु में 37 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और चेन्नई में 36 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। मालूम हो कि पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है।
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