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    एम्स में अब नहीं पड़ेगा भटकना; एप दिखाएगा ‘दिशा’, बगैर इंटरनेट भी किया जा सकता है इस्तेमाल

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 09:04 PM (IST)

    एम्स दिल्ली ने दिशा नामक एक नया एप लॉन्च किया है जो अस्पताल परिसर में मरीजों को रास्ता ढूंढने में मदद करेगा। यह एप बिना इंटरनेट के भी काम करता है और हिंदी तथा अंग्रेजी में उपलब्ध है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसे लॉन्च किया। यह मरीजों को ओपीडी लैब और फार्मेसी जैसे स्थानों को खोजने में मदद करेगा जिससे अस्पताल में उनका अनुभव सुगम हो जाएगा।

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    बेसमेंट पार्किंग से लेकर लिफ्ट में भी एप करेगा काम।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी स्थित एम्स में प्रतिदिन 14,000 से 16,000 मरीज पहुंचते हैं। इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के मरीज होते हैं। करीब 213 एकड़ में फैले एम्स में यहां के मरीजों को ही रास्ता ढूंढने में ही काफी परेशानी होती है।

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    बाहर के मरीजों के लिए ये यह आफत से कम नहीं है। इसे देखते हुए एम्स ने दिशा एप तैयार किया है। इसकी मदद से एम्स परिसर में एक जगह से दूसरी जगह जाने का रास्ता आसानी से खोजा जा सकेगा।

    इससे उपचार के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को ओपीडी, लैब, फार्मेसी, सेंटर सहित दूसरे जगहों की खोज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

    इस स्वदेशी एप के इस्तेमाल के लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं है। बेसमेंट पार्किंग से लेकर लिफ्ट में भी यह एप काम करेगा। इस इनडोर नेविगेशन मोबाइल एप को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये लाॅन्च किया।

    इस एप का इस्तेमाल अस्पताल के कर्मचारी और आगंतुक भी कर सकेंगे। यह एप पूरे अस्पताल परिसर के लिए काम करेगी। एप में अस्पताल के 2डी मैप से रास्तों को खोजा जा सकेगा। इसके लिए एआई आधारित रूट और ऑप्टिमाइजेशन का इस्तेमाल किया गया।

    यह एप हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। गूगल प्ले स्टोर से एप को डाउनलोड किया जा सकता है। एप पर विभागों के कार्य करने से लेकर उनके बंद होने के समय की जानकारी भी उपलब्ध होगी। लाइव हीटमैप के माध्यम से भीड़ प्रबंधन के बारे में भी जानकारी जुटा सकेंगे।

    एम्स निदेशक डाॅ. एम. श्रीनिवास ने कहा कि एम्स दिशा की अवधारणा मरीज केंद्रित सेवाओं के लिए अगली पीढ़ी की एआई तकनीक का लाभ उठाने के हमारे दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।

    एम्स मीडिया सेल प्रभारी डाॅ. (प्रो.) रीमा ने कहा कि अस्पताल पहली बार आने वाले मरीजों और बुजुर्गों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं। एम्स दिशा उन्हें सहयोग और आत्मविश्वास दोनों का अनुभव देगा।

    ये होगा लाभ

    • डाॅक्टर के कक्ष और विभाग तक पहुंचने में आसानी
    • रिसेप्शन पर रास्ता पूछने वालों की भीड़ होगी कम
    • अस्पताल में भटकना नहीं पड़ेगा और इससे तनाव कम होगा
    • रास्ता बताने में कर्मचारियों का बर्बाद होने वाला समय बचेगा
    • हेल्पडेस्क का बोझ कम होगा, भीड़ प्रबंधन मजबूत होगा

    मोबाइल एप की ये हैं प्रमुख विशेषताएं

    • बीएलई बीकन नेटवर्क: अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए सेंसर सटीक लोकेशन का संकेत देंगे।
    • डिजिटल मैप: विस्तृत नक्शे, जिनमें सभी विभाग और सुविधाएं चिह्नित होंगी।
    • एआई आधारित रूटिंग: मरीज की लोकेशन और गतिशीलता की जरूरत (जैसे व्हीलचेयर) को ध्यान में रखकर सबसे आसान मार्ग सुझाया जाएगा।
    • टर्न-बाय-टर्न मार्गदर्शन: आवाज और दृश्य दोनों रूपों में, कई भाषाओं में उपलब्ध।
    • ऑफलाइन मोड: इंटरनेट न होने पर भी नेविगेशन संभव।

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