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    CBSE की नई Frisking Policy में छात्र ही नहीं एग्जाम सेंटर पर भी होगा एक्शन, 2025-26 की बोर्ड परीक्षाओं से लागू

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 04:41 PM (IST)

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्ती बढ़ाने का फैसला किया है। 2025-26 सत्र से परीक्षा केंद्रों पर सघन तलाशी ली जाएगी और स्मार्ट उपकरणों पर प्रतिबंध होगा। शहरी समन्वयकों को निरीक्षण के विशेष अधिकार मिलेंगे और प्रश्नपत्रों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा। नकल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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    सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में लागू होगी सख्त तलाशी नीति।

    रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बोर्ड परीक्षाओं में स्मार्ट डिवाइस के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।

    बोर्ड ने अपनी 141वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में तय किया कि बोर्ड परीक्षाओं में सख्त फ्रिस्किंग (तलाशी) पाॅलिसी के तहत परीक्षा केंद्रों में प्रवेश से पहले छात्रों की तलाशी ली जाएगी।

    किसी भी तरह के इलेक्ट्राॅनिक, स्मार्ट उपकरण या अनधिकृत सामान परीक्षा कक्ष में ले जाने पर कठोर कार्रवाई होगी। ये व्यवस्थाएं शैक्षणिक सत्र 2025-26 की बोर्ड परीक्षाओं से ही लागू होंगी।

    बैठक में बोर्ड अधिकारियों ने माना कि हाल के वर्षों में नकल और तकनीकी उपकरणों के जरिये अनुचित साधनों का उपयोग बढ़ा है। इस पर रोक लगाने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश से पहले विस्तृत तलाशी प्रक्रिया अपनाई जरूरी है।

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    विद्यार्थियों को पहले से यह चेतावनी दी जाएगी कि यदि वे प्रतिबंधित सामग्री के साथ पकड़े गए तो उन्हें परीक्षा से वंचित किया जा सकता है और आवश्यकतानुसार अन्य दंड भी दिए जाएंगे।

    सीबीएसई ने साफ किया है कि इस नीति के तहत सिर्फ विद्यार्थियों पर ही नहीं, बल्कि परीक्षा केंद्रों के संचालन पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

    शहरी समन्वयकों को विशेष अधिकार दिए जाएंगे और उन्हें संवेदनशील केंद्रों का व्यक्तिगत निरीक्षण करने का निर्देश होगा। साथ ही, शहरी समन्वयकों का कार्यकाल अधिकतम तीन वर्ष का रहेगा, ताकि निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

    बोर्ड ने परीक्षा पूर्व प्रक्रियाओं पर भी कड़ा रुख अपनाया है। संवेदनशील केंद्रों पर अतिरिक्त निरीक्षण दल भेजे जाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रश्नपत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण से लेकर जमा करने तक की प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित हो।

    सीबीएसई का मानना है कि इन कदमों से नकल की संभावनाएं कम होंगी और विद्यार्थियों में ईमानदारी से परीक्षा देने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा अनुशासन भंग करने वालों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।

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