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    होटल में बैठकर बुजुर्गों को डिजिटल तरीके से करते थे अरेस्ट, तीन गिरफ्तार

    By shani sharma Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 26 May 2025 08:10 PM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने तीन साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है जो बुजुर्गों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करते थे। उन्होंने एक बुजुर्ग से 25 लाख रुपये ठगे और उसकी पत्नी के गहने भी बिकवा दिए। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किए हैं। जांच में पता चला है कि ये जालसाज कई बुजुर्गों को अपना शिकार बना चुके हैं।

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    दिल्ली पुलिस ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दक्षिण पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने तीन शातिर जालसाजों राहुल वर्मा निवासी रायपुर, छत्तीसगढ़, शांतनु रिचोरिया निवासी झांसी, उत्तर प्रदेश और अर्जुन सिंह निवासी सहारनपुर को गिरफ्तार किया है।

    आरोपी होटल के कमरों में बैठकर बुजुर्गों को डिजिटली अरेस्ट कर ठगी करते थे। तीन महीने पहले इन्होंने दिल्ली के एक बुजुर्ग को डिजिटली अरेस्ट कर 25 लाख रुपये की ठगी की थी। इन जालसाजों ने पीड़ित से उसकी पत्नी के गहने भी बिकवा दिए थे।

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    पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पुलिस ने इनके पास से तीन मोबाइल, चार सिम कार्ड और डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। राजनगर, पालम निवासी 71 वर्षीय महेंद्र जैन ने 10 अप्रैल को पुलिस को शिकायत दी थी कि 21 मार्च को उनके व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आई।

    कॉल करने वाले ने खुद को नासिक पुलिस की क्राइम ब्रांच का अधिकारी संजय बताया। आरोपी ने कहा कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल धोखाधड़ी से डेबिट कार्ड बनाने में किया गया है। साथ ही उसके कार्ड का इस्तेमाल एक बड़ी एयरलाइन कंपनी के मालिक द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। आरोपी ने पीड़ित को जेल भिजवाने की धमकी दी।

    फिर इस केस से बाहर निकालने के बदले में पैसों की मांग की। जालसाज के अन्य साथियों ने भी बुजुर्ग को कॉल किया। फिर उन्होंने बुजुर्ग से करीब 25 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपियों के डर से पीड़ित ने अपनी पत्नी के गहने बेचकर उन्हें पैसे दिए। पैसे पेटीएम और आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर किए गए। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के बाद पहाड़गंज में छापेमारी कर राहुल वर्मा, शांतनु रिचोरिया और अर्जुन सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

    राहुल के बैंक खाते के माध्यम से आरोपितों तक पहुंची पुलिस

    पुलिस आरोपी राहुल के बैंक खाते के जरिए आरोपियों तक पहुंची। ठगी की कुछ रकम राहुल के खाते में ट्रांसफर हुई थी। पुलिस को जांच के दौरान खाते के बारे में पता चला। फिर पुलिस ने खाते से जुड़े अधिकृत मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। यह भी राहुल के नाम पर था। फिर उस मोबाइल नंबर की लोकेशन पहाड़गंज के एक होटल में मिली। पुलिस ने वहां से तीनों जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया।

    बुजुर्ग व्यक्ति को चार दिनों तक डिजिटल नजरबंद रखा गया

    थाना प्रभारी निरीक्षक प्रवेश कौशिक ने बताया कि जालसाजों ने पीड़ित को चार दिन तक डिजिटल नजरबंद रखा। पीड़ित जब पत्नी के जेवर बेचने और बैंक में एफडी तुड़वाने के लिए घर से निकला तो उसे बताया गया कि उस पर नजर रखी जा रही है।

    किसी से बात करने पर पुलिस उसे तुरंत गिरफ्तार कर लेगी। पूछताछ में राहुल ने बताया कि उसने जालसाजों को सबसे पहले अपना बैंक खाता उपलब्ध कराया था। इसी खाते में ठगी की रकम आती थी। इसके बाद राहुल खुद भी गिरोह में शामिल हो गया। आरोपियों ने विदेशी जालसाजों को भी फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराए।

    जालसाज 10 बुजुर्गाें को बना चुके हैं अपना शिकार

    ये जालसाज दिल्ली के अलग अलग होटलों में कमरा लेकर बुजुर्गाें से ठगी कर रहे थे। अभी तक की जांच में सामने आया कि ये करीब 10 बुजुर्गाें से ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने इनसे ठगी में इस्तेमाल आठ खातों को ट्रेस किया है। इन्होंने अपना वाट्सएप ग्रुप बना रखा था। इनके अन्य साथियों की गिरफ्तारी की बाद बाकी मामलों का पता चल सकेगा।

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