दिल्ली में पहली बार होगी कृत्रिम बारिश, पायलट प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली सरकार की कृत्रिम बारिश परियोजना को स्वीकृति दे दी है। यह प्रोजेक्ट निंबोस्ट्रेटस बादलों पर केंद्रित होगा जिनमें 50% से अधिक नमी होगी। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि तैयारियां पूरी हैं और यह भविष्य का रोडमैप है। आईआईटी कानपुर की टीम सिल्वर आयोडाइड का उपयोग करेगी। वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी और उड़ानें सुरक्षित क्षेत्रों से दूर रहेंगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली सरकार के कृत्रिम बारिश के पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कृत्रिम बारिश की संभावना की पुष्टि की है। इस प्रयोग में मुख्य रूप से निंबोस्ट्रेटस बादलों का चयन किया जाएगा जो 500 से 6000 मीटर की ऊंचाई पर हों। इनमें कम से कम 50 फीसदी नमी होनी चाहिए।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, तैयारियां पूरी हैं, अब सिर्फ बादलों का इंतजार है। जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश का प्रोजेक्ट देखने को मिलेगा। यह सिर्फ एक प्रयोग नहीं है, बल्कि भविष्य का रोडमैप है। वह भी विज्ञान पर आधारित, सटीकता से संचालित और डेटा संचालित निगरानी के साथ।
पायलट प्रोजेक्ट की मुख्य बातें
- मौसम विभाग वास्तविक टाइल पर बादलों की स्थिति, ऊंचाई, आर्द्रता और हवा की दिशा जैसी जानकारी उपलब्ध कराएगा
- आईआईटी कानपुर की टीम फ्लेयर आधारित प्रणाली के माध्यम से विमान में सिल्वर आयोडाइड, आयोडीन नमक और रॉक साल्ट के विशेष मिश्रण का उपयोग करेगी
- कुल पांच उड़ानों की योजना बनाई गई है, जिसमें प्रत्येक उड़ान कम से कम 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में एक से 1.5 घंटे तक संचालित की जाएगी
- उड़ानें अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्रों (जैसे राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, संसद भवन और अन्य विशेष स्थानों) से दूर रहेंगी
- निगरानी स्टेशनों के माध्यम से वायु गुणवत्ता पर प्रभाव का विश्लेषण किया जाएगा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।