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    दिल्ली विधानसभा में 'फांसी घर' : भाजपा ने AAP को घेरा, क्या विधानभवन के इतिहास से हुई थी छेड़छाड़

    दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भाजपा विधायक अभय वर्मा ने विधानसभा परिसर में फांसी घर के अस्तित्व पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अभिलेखागार के अनुसार यहाँ कोई फांसी घर नहीं था बल्कि लिफ्ट थी। वर्मा ने पूर्ववर्ती आप सरकार पर इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया जिसका आप विधायकों ने विरोध किया। हंगामे के बीच स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ को अस्वीकार्य बताया।

    By sanjeev Gupta Edited By: Neeraj Tiwari Updated: Tue, 05 Aug 2025 02:51 PM (IST)
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    भाजपा विधायक अभय वर्मा ने विधानसभा परिसर में फांसी घर के अस्तित्व पर सवाल पूछते हुए मुद्दा उठाया।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा सत्र की कार्यवाही का मंगलवार को दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा। मानसून सत्र के पहले दिन जहां ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव को लेकर पक्ष एवं विपक्ष में जोरदार बहस हुई थी। वहीं, सत्र के दूसरे दिन विधानसभा परिसर में फांसी घर के अस्तित्व पर सवाल उठाए गए। भाजपा विधायक अभय वर्मा ने विधानसभा परिसर में फांसी घर के अस्तित्व पर सवाल पूछते हुए मुद्दा उठाया। 

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    इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप

    दिल्ली विधानसभा में फांसी घर के संदर्भ में भाजपा विधायक अभय वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय अभिलेखागार से प्राप्त नक्शे और रिकॉर्ड के मुताबिक विधानसभा परिसर में कोई फांसी घर नहीं था। जहां पर फांसी का फंदा लगा है, वहां लिफ्ट हुआ करती थी। पूर्ववर्ती आप सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन स्पीकर रामनिवास गोयल ने ऐसा करके इतिहास से छेड़छाड़ की है।

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    बीजेपी विधायक के इस कथन के बाद आप विधायकों ने शोर मचाते हुए आपत्ति जताई। इस बीच हंगामे को बढ़ता देखकर दिल्ली विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका मिलेगा लेकिन इतिहास से छेड़छाड़ स्वीकार्य नहीं है।

    इतिहासकारों ने भी फांसी घर को नकारा

    इस बीच फांसी घर के विषय पर सदन को संबोधित करते हुए भाजपा विधायक अजय महावर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने दिल्ली की जनता को भ्रमित क्यों किया? वहीं, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, 'हम लोगों में पिछले दिनों इतिहासकारों की एक बैठक भी बुलाई गई थी। इसमें भी यही सामने आया था कि यहां कोई फांसी घर नहीं था।'

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    अंत में स्पीकर ने कहा कि फांसी घर के अस्तित्व पर हो रही इस चर्चा को आज फिलहाल रोका जा रहा है। कल यानी बुधवार को मानसून सत्र के तीसरे दिन 6 अगस्त को फांसी घर पर फिर से चर्चा की जाएगी। वहीं, उन्होंने आप विधायकों को बुधवार को फांसी घर के समर्थन में सुबूत लेकर आने को कहा है। 

    दिल्ली विधानसभा में फांसी घर का क्या है इतिहास?

    वर्ष 2016 में दिल्ली विधानसभा के अंदर फांसी घर (हैंगिंग हाउस / Hanging House) मिला था। 2016 में सुरंग का पता चलने के बाद फांसी घर का अनुमान लगाया गया था। एक खोखली दीवार को तोड़ने पर वह स्थान पाया गया था।

    तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार की योजना थी कि ब्रिटिश काल की सुरंग व फांसी घर आम लोगों के लिए खोला जाए। सुरंग को दिल्ली विधानसभा की जमीन के नीचे काफी समय पहले खोजा गया था। बताया जाता है कि सुरंग और फांसी घर दोनों ब्रिटिश काल की वास्तुकला के अनुसार बने हैं।

    वहीं, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि मैं नहीं कह सकता कि नीचे क्या है, पुरातत्व विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी जाएगी। 

    दिल्ली विधानभवन का इतिहास

    बता दें कि दिल्ली विधानभवन साल 1911 में तैयार हुआ था। 1912 में जब देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित किया गया तो इस भवन को केंद्रीय विधानभवन के रूप में प्रयोग किया गया।