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    Delhi Flood: दिल्ली में यमुना के बाढ़ से बंद नाले बने मुसीबत, इन इलाकों में जलभराव

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 08:22 AM (IST)

    यमुना में बाढ़ के कारण एहतियातन बंद किए गए नाले दिल्ली के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। नजफगढ़ नाले में गिरने वाले नालों के बंद होने से उत्तम नगर जहांगीरपुरी हकीकत नगर जैसे इलाकों में जलभराव हो गया है जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हकीकत नगर में लोगों ने प्रदर्शन भी किया। प्रशासन जलभराव को दूर करने के प्रयास कर रहा है।

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    यमुना में बाढ़ के कारण एहतियातन बंद किए गए नाले दिल्ली के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यमुना में आई बाढ़ के बाद एहतियातन बंद किए गए नाले अब परेशानी का सबब बन गए हैं। नजफगढ़ नाले में गिरने वाले नालों के बंद होने से दिल्ली के एक बड़े हिस्से की सार्वजनिक जलनिकासी व्यवस्था चरमरा गई है। इसके चलते उत्तम नगर के हस्तसाल से लेकर जहांगीरपुरी, हकीकत नगर (मुखर्जी नगर) और सिविल लाइंस समेत कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया।

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    कहीं एक फीट तो कहीं दो फीट पानी जमा होने से लोग परेशान हैं। पूरे इलाके में सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। हकीकत नगर में जलनिकासी व्यवस्था से नाखुश लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा।

    महिलाएं सड़क के बीचोंबीच बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगीं तो शहर के मेयर राजा इकबाल सिंह और स्थानीय विधायक सूर्य प्रकाश खत्री उन्हें समझाने पहुंचे। प्रदर्शनकारी महिलाओं को सड़क से हटाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

    गौरतलब है कि 57 किलोमीटर लंबे नजफगढ़ नाले से नाले का पानी यमुना में गिरता है। नजफगढ़ से शुरू होने वाला यह नाला वजीराबाद से होते हुए यमुना में गिरता है। इसमें करीब 122 छोटे-बड़े नाले गिरते हैं। यमुना में बढ़ते जलस्तर के कारण नालों के जरिए यमुना का पानी शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए नालों के गेट बंद कर दिए गए हैं। जिससे रिहायशी इलाकों में परेशानी बढ़ गई है।

    जलनिकासी व्यवस्था चरमरा गई है। मध्य दिल्ली का सिविल लाइंस इलाका हो या फिर उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके के हकीकत नगर और एसएफएस फ्लैट्स का जलनिकासी तंत्र चरमरा गया है। हकीकत नगर में वर्ष 2023 में भी दो फीट पानी भर गया था। इस बार भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली।

    हकीकत नगर में 384 फ्लैट हैं, ग्राउंड फ्लोर पर बने ज्यादातर घरों की दहलीज और अंदर तक पानी पहुंच गया। कॉलोनी की सभी गलियों में एक से दो फीट तक पानी जमा हो गया है इससे समस्या और बढ़ गई है। वहीं, एसएफएस फ्लैट्स की गलियाँ जलमग्न हैं। लोगों की आवाजाही लगभग बंद हो गई है। इंदिरा विहार और नेहरू विहार की मुख्य सड़कें पानी में डूबी हुई हैं। मुखर्जी नगर थाने के मुख्य द्वार पर दो फुट तक पानी जमा हो गया है।

    नालों के जाम होने का असर बाहरी दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके की जलनिकासी पर भी दिख रहा है। जहाँगीरपुरी की ईई-ब्लॉक झुग्गी बस्ती में लगभग दो फुट तक पानी भर गया है। इसके अलावा, जहाँगीरपुरी के ई-ब्लॉक और डी-ब्लॉक तथा एमसीडी फ्लैट्स की गलियों में एक फुट तक पानी जमा होने से लोग दो दिनों से परेशान हैं। जहाँगीरपुरी थाना परिसर भी जलमग्न हो गया। थाने के बाहर और अंदर एक फुट तक जलभराव देखा गया।

    पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर स्थित हस्तसाल का भी यही हाल है। जहाँ नजफगढ़ नाले का जलस्तर बढ़ने के कारण पंखा रोड नाले के गेट बंद कर दिए गए हैं। जिसके कारण हस्तसाल की डीडीए कॉलोनी की जल निकासी व्यवस्था चरमरा गई है। पिछले चार दिनों से कॉलोनी का हर हिस्सा पानी से भरा हुआ है।

    यह पानी सड़कों से लेकर गलियों, पार्कों तक, हर जगह भरा हुआ दिखाई दे रहा है। नालियों, सीवर या सीवर लाइनों में जाने के बजाय, पानी सड़क पर जमा हो रहा है। पूरी कॉलोनी काले, गंदे और बदबूदार पानी से भरी हुई है। कई दिनों से जमा इस पानी से तेज़ बदबू आ रही है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

    यमुना नदी के आसपास के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की स्थिति को गंभीरता से लिया गया है और प्रभावित नागरिकों को हर संभव मदद प्रदान की जा रही है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता जल्द से जल्द जलभराव को समाप्त करना और सामान्य जनजीवन बहाल करना है। जहाँ भी जल निकासी बाधित हुई है, हम वहाँ अतिरिक्त संसाधन लगाकर स्थिति को ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं। - राजा इकबाल सिंह, महापौर, दिल्ली

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