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    Delhi Flood: लापरवाही के पानी से झाड़ौदा कलां के खेत और गीतांजलि कॉलोनी डूबी, घर खाली कर रहे लोग

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 08:11 AM (IST)

    हरियाणा से आ रहे मुंगेशपुर ड्रेन का किनारा टूटने से झाड़ौदा कलां के खेत और गीतांजलि कॉलोनी जलमग्न हो गई। घरों में पानी घुसने से लोग पलायन करने को मजबूर हैं इसे लापरवाही का पानी बता रहे हैं। ड्रेन की क्षमता से अधिक पानी बहने और सफाई न होने से किनारा टूटा। हजारों लोग प्रभावित हैं और रावता गांव में भी बाढ़ जैसे हालात हैं।

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    गीतांजलि कॉलोनी में घुसा ड्रेन का पानी। वीडियो ग्रैब

    गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। जिसका अंदेशा था, वही हुआ। लापरवाही के पानी ने पहले किसानों की फसल को रौंदा और अब लोगों के आशियाने बर्बाद करने पर तुला है। मंगलवार को हरियाणा से दिल्ली आ रहे मुंगेशपुर ड्रेन का एक हिस्सा टूटने से झाड़ौदा कलां के खेतों के साथ इसके किनारे बसी गीतांजलि कॉलोनी जलमग्न हो गई।

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    कॉलोनी में बने घरों में पानी घुसने से लोग अब घर छोड़कर सुरक्षित ठिकाने की ओर जाने को मजबूर हैं। लोग इसे ड्रेन का पानी बताने के साथ साथ दिल्ली व हरियाणा सरकार की लापरवाही का पानी करार दे रहे हैं।

    क्षमता से अधिक पानी का इस ड्रेन में प्रवाह

    मुंगेशपुर ड्रेन की क्षमता करीब 2400 क्यूसेक पानी की है। लेकिन वर्षा के दौरान इस ड्रेन में पानी इससे काफी अधिक बहने लगता है।

    लोगों का कहना है कि यदि ड्रेन की तलहट की सफाई समय समय पर हो, तो इससे इसकी क्षमता या तो बढ़ेगी या तो पूरी क्षमता के साथ काम करने में सक्षम होगी। लेकिन सही तरीके से साफ सफाई नहीं होने से यह अब पूरी क्षमता के साथ काम नहीं करती।

    नतीजा यह होता है कि ड्रेन के पानी का स्तर इसके किनारे के उपरी हिस्से को छूने लगता है। जिससे धीरे धीरे ड्रेन के दोनों किनारे की मिट्टी कमजोर होती चली गई। अंत में मंगलवार को गीतांजलि के पास ड्रेन का एक किनारा करीब 50 फुट हिस्से में टूट गया और इसका सारा पानी कॉलोनी में फैल गया।

    हजारों की आबादी प्रभावित

    गीतांजलि कॉलोनी घनी आबादी वाली कॉलोनी है। यह कॉलोनी मुंगेशपुर ड्रेन के ठीक किनारे बसी है। ड्रेन के एक ओर झाड़ौदा कलां गांव के खेत हैं तो दूसरी ओर कॉलोनी। खेतों में हरियाणा का पानी पिछले कई महीने से आकर इकट्ठा हो रहा है।

    अब ड्रेन के टूटने से कॉलोनी वाला हिस्सा भी पूरी तरह जलमग्न है। कॉलोनी का कोई ऐसा हिस्सा नहीं है जहां न्यूनतम तीन फुट पानी नहीं हो। कुछ हिस्से में तो कमर भर पानी एकत्रित हो चुका है। लोगों का कहना है कि पानी की मात्रा अभी बढ़ती चली जा रही है।

    लोग खाली कर रहे घर

    कॉलोनी में पानी भरने के बाद कई लोग घर खाली कर रहे हैं। खासकर ऐसे लोग जिनके इमारत में केवल भूतल है। जिनके मकान भूतल से ऊंचे हैं, वे तो अभी ऊपरी मंजिल पर शरण ले रहे हैं लेकिन भूतल वाले घर खाली कर रहे हैं। लेकिन पानी की मात्रा यदि बढ़ती रही तो ऊपरी मंजिल वालों को भी घर खाली कर सुरक्षित ठिकाने पर जाना ही होगा।

    काश किसी ने सुध ली होती

    बात मुंगेशपुर ड्रेन की हो या हरियाणा के सीवरेज शोधन संयंत्र से गंदे पानी को दिल्ली की ओर छोड़े जाने की हो, यदि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग या आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, यदि दोनों में से कोई भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग होता तो इस समस्या को टाला जा सकता था।

    झाड़ौदा कलां गांव के लोगों का कहना है कि लंबे समय से वेलोग इस समस्या से दक्षिण पश्चिम जिला प्रशासन, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवगत करा रहे हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला।

    रावता गांव में भी बाढ़ जैसे हालात

    हरियाणा की सीमा पर बसे रावता गांव में भी बाढ़ के हालात बने हैं। गांव की फिरनी पर पानी भरा है। गांव के लोगों का कहना है कि यह पानी खेतों से होता हुआ अब गांव में प्रवेश कर रहा है। यदि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सारा निचला इलाका तबाह हो जाएगा।

    बता दें कि नजफगढ़ झील के किनारे बसा रावता गांव जलभराव की स्थायी समस्या से ग्रस्त है। यहां झील से गुजरने वाले नाला का एक किनारा टूटने के कारण ऐसा हालात लंबे समय से कायम है।