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    Delhi Flood: जब लालकिले तक पहुंच गई थी यमुना, हथनी कुंड से 2013 में छोड़ा गया था सबसे ज्यादा पानी

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 12:32 PM (IST)

    दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से 2023 में बाढ़ जैसे हालात बने थे जब हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा गया। आईटीओ और कई निचले इलाके जलमग्न हो गए थे। 2013 में हथनी कुंड से सबसे अधिक 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इस बार दिल्ली सरकार निचले इलाकों से लोगों को निकालने और राहत शिविरों में पहुंचाने के लिए तैयार है।

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    जुलाई 2023 में लालकिले तक यमुना का पानी पहुंच गया था। फाइल फोटो

     राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से 11 जुलाई 2023 को जब 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, तब आईटीओ सहित कई क्षेत्रों में एक सप्ताह तक पानी भरा रहा था। उस दौरान आईटीओ बैराज के 32 में से पांच गेट जाम होने के कारण नहीं खोले जा सके थे।

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    ड्रेन नंबर 12 का रेगुलेटर भी टूट गया था, जिससे यमुना का पानी आईटीओ के आसपास के क्षेत्रों में फैल गया था। यमुना में पानी बढ़ने के कारण दिल्ली के नालों के गेट बंद करने पड़े थे। इससे भी परेशानी बढ़ गई थी।

    यमुना में बढ़े जलस्तर को जांचने के लिए यमुना लोहा पुल के पास बोट में दौरा करते अधिकारी। हरीश कुमार

    किन क्षेत्रों में भरा था पानी?

    आईटीओ क्षेत्र, राजघाट के साथ यमुना खादर में स्थित गढी मांडू गांव, पुराना उस्मानपुर गांव के साथ ही कश्मीरी गेट के नजदीक यमुना बाजार और मोनास्ट्री मार्केट, रिंग रोड पर मजनू का टीला, बदरपुर विधानसभा क्षेत्र के जैतपुर विश्वकर्मा कॉलोनी, आईटीओ क्षेत्र, राजघाट, कश्मीरी गेट आइएसबीटी, जीटी करनाल रोड सहित आसपास के क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों में पानी भर गया था।

    महिपालपुर गांव के पास वर्षा से हुए जलभराव में बस का इंतजार करते यात्री। विपिन शर्मा

    सीएम रेखा गुप्ता ने किया था निरीक्षण

    पिछले दिनों यमुना के खतरे के निशान को पार करने पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निचले क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। उन्होंने दावा किया था कि बाढ़ रोकथाम के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन व विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यालय के नजदीक ड्रेन नंबर 12 के रेगुलेटर का निरीक्षण किया था।

    हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद सभी सेक्टर अधिकारियों, जिला प्रशासन व दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यमुना किनारे 24 घंटे गश्त शुरू कर दी गई है। दिल्ली सरकार अलर्ट है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।

    - प्रवेश वर्मा, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री

    इस बार दिल्ली सरकार की तैयारी

    • निचले क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मुनादी कराई जा रही है।
    • लोहा पुल से शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन जाने वाले मार्ग, मयूर विहार, आईटीओ पुल के नजदीक राहत शिविर तैयार किए गए हैं।
    • मुख्य निगरानी कक्ष के साथ ही 14 अन्य स्थानों पर 24x7 घंटे काम करने वाला निगरानी केंद्र बनाया।

    हथनी कुंड से सबसे अधिक 2013 में छोड़ा गया था पानी

    • यमुना के जलस्तर का सीधा संबंध हथनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी से है। पूर्व के वर्षों में भी यहां से छोड़े गए बड़ी मात्रा में पानी से दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
    • 1978: 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे दिल्ली में यमुना का जल स्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था।
    • 2010: 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.11 मीटर तक पहुंचा था।
    • 2013: 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था।
    • 2023: 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और उस समय यमुना का स्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था।

    सोमवार को छोड़ा गया पानी और दिल्ली में यमुना का जल स्तर

    • सुबह 5 बजे- 210359 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 205.07 मीटर पहुंच गया।
    • सुबह 7 बजे- 272642 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 205.02 मीटर पहुंच गया।
    • सुबह 9 बजे- 329309 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.95 मीटर पहुंच गया।
    • पूर्वाह्न 11 बजे- 319363 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.80 मीटर पहुंच गया।
    • दोपहर 1 बजे- 323176 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.82 मीटर पहुंच गया।
    • अपराह्न 3 बजे- 323176 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.88 मीटर पहुंच गया।