Delhi Floods: अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना, जल्द जिंदगी के पटरी पर लौटने की उम्मीद
दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटने से जनजीवन सामान्य होने लगा है। कश्मीरी गेट के पास मोनेस्ट्री मार्केट खुल गया है और लोग अपने घरों की सफाई में जुट गए हैं। हालांकि निचले इलाकों में अभी भी जलभराव की समस्या है और राहत शिविरों में रह रहे लोगों को घर लौटने में समय लगेगा। यमुना का जलस्तर जल्द ही खतरे के निशान से नीचे आने की उम्मीद है।

लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। यमुना का जलस्तर कम होने से राजधानी दिल्ली में प्रभावित इलाकों में जीवन अब पटरी पर लौटने लगा है। जहां तीन दिन से कश्मीरी गेट के पास बंद मोनेस्ट्री मार्केट की दुकानें खुल गई हैं और ग्राहक भी खरीददारी के लिए पहुंच गए हैं।
वहीं, सिविल लाइंस में भी पानी उतरने से लोग अपने घर के पास पड़े गाद को साफ कर रहे हैं। बिजली आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है। ऐसी ही स्थिति यमुना बाजार की है जहां यमुना किनारे बने घरों से पानी उतरा तो लोगों ने अपना जीवन फिर से घरों में शुरू करने के लिए गृहस्ति फिर से बसानी शुरू कर दी है। साथ ही लोग मिलकर गाद की सफाई में जुट गए हैं।
पूर्वी दिल्ली में भी डूब क्षेत्र में बसे गढ़ी मेंढू गांव में भी लोग अपने घरों का रुख करने लगे हैं। हालांकि डूब क्षेत्र में बनी झुग्गी में रहने वाले लोग अब भी राहत शिविर कैंपों में हैं तब तक मिट्टी सूख नहीं जाती है जब तक वह कैंप में रहेंगे। ऐसे में अभी 15 दिन पूरी तरह जीवन पटरी पर लौटने में लग जाएंगे।
यमुना का जलस्तर उतरने से मजनू का टीला स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में राहत शिविर में रह रहे परिवार भी अपने घरों में लौट रहे हैं। हालांकि, कुछ लोग अभी वहीं रह रहे हैं। उनका कहना है कि गाद पूरी तरह साफ नहीं हुई है और बीमारी का खतरा बना हुआ है।
इसी तरह राजघाट रोड पर बनाए गए शिविर में करीब एक हजार से अधिक प्रभावित लोग अब भी टेंट में रह रहे हैं। यहां बिजली की व्यवस्था तो कर दी गई है, लेकिन गर्मी से बचाव के लिए पंखों का इंतजाम नहीं है। बच्चे बुखार, खांसी और जुकाम की समस्या से जूझ रहे हैं।
निचले इलाकों में अब भी ड्रेनज प्रणाली ध्वस्त होने से लोग परेशान
यमुना का जलस्तर बंद होने से ओवरफ्लो हो रहे नफजगढ़ ड्रेन में गिरने वाले नालों के रेगुलेटर बंद करने से अभी भी कई इलाकों की जल निकासी प्रणाली ध्वस्त पड़ी है। बुराड़ी से लेकर किराड़ी और जहांगीरपुरी में अब भी कई जगह पर जलभराव है।
इसकी वजह से लोग गंदे पानी से ही आवाजाही करने पर मजबूर है। यह नालियों का पानी है जो कि ड्रेन में न जाने की वजह से रिहायशी इलाकों की सड़को पर जमा है। हालांकि हकीकत नगर का शनिवार को ही पानी निकल गया था ऐसे में लोगों का यहां जन-जीवन सामान्य हो गया है।
आज खतरे के निशान से नीचे आ जाएगा जलस्तर
लगातार यमुना का जलस्तर कम हो रहा है और सोमवार तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ जाएगा।शाम छह बजे से पुराने लोहे के पुल के पास जलस्तर 205.40 दर्ज किया गया। जबकि खतरे का निशान 205.33 है। ऐसे में सोमवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ जाएगा। क्योंकि अभी हथनी कुंड बैराज से 39334 क्यूसेक ही पानी छोड़ा जा रहा है।
वासुदेव घाट की प्रशासन ने शुरू की सफाई, शमशान घाट भी पुन: शुरू
डीडीए द्वारा कश्मीरी गेट पर बनाए गए वासुदेव घाट पर यमुना का जलस्तर आने से इसे बंद कर दिया गया था। अब जबकि पानी उतर गया है तो घाट की बहाली के लिए सफाई का कार्य शुरू हो गई है। गाद को मशीनों के साथ श्रमिकों के जरिये भी साफ किया जा रहा है। यहां मंगलवार और रविवार को यमुना आरती होती है। ऐसे में प्रशासन की कोशिश है कि मंगलवार तक इसे आरती के लिए तैयार कर दिया जाएगा।वासुदेव घाट के साथ ही निगम ने तीन दिन से बंद पड़े शमशान घाटों को भी शुरू कर दिया है। रविवार को निगम बोध और गीता कालोनी शमशान घाट को शुरू कर दिया है।
दुकानें पहले की तरह खुल गई हैं, ग्राहक आने लगे हैं और बिजली भी चालू हो गई है। जीवन धीरे‑धीरे सामान्य हो रहा है। - मयंक, दुकानदार, मोनेस्ट्री
हम लोग यमुना किनारे खेती करते हैं। एक हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। पानी तो उतर गया है, लेकिन अभी घर में रहने लायक हालत नहीं बनी है। 15 दिन और लग सकते हैं। - रूकमणि, राजघाट पर डूब क्षेत्र निवासी
मच्छरों से बच्चों को बीमारी हो रही है। दवा का छिड़काव तो हो रहा है, पर डाक्टर और दवाइयों की व्यवस्था नहीं की गई है। कलावती मंदिर तो खोल दिए गए हैं, लेकिन हमारे मकानों में अभी भी गाद जमा है। सब कुछ साफ होने में समय लगेगा। - रामा, निवासी, यमुना बाजार
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