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IGI Airport: दिल्ली एयरपोर्ट के तीनों टर्मिनल आपस में जुड़ेंगे, यात्रियों का बचेगा समय; APM पर जल्द काम होगा शुरू

तीनों यात्री टर्मिनलों को साथ और कार्गो व एयरोसिटी को भी ऑटोमेटेड पैसेंजर मूवर आपस में जोड़ेगा। परियोजना को मूर्त रूप देने में करीब ढाई हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यदि सब कुछ सही रहा तो इस परियोजना को वर्ष 2027 तक पूरा कर लिए जाने की बात कही जा रही है। एलिवेटेड लाइन की लंबाई करीब सात किलोमीटर होगी।

By Gautam Kumar Mishra Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 24 Sep 2024 11:51 PM (IST)
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टर्मिनल 1 से 3 के बीच की दूरी तय करने के लिए बना कॉरिडोर।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport) के सभी टर्मिनल आपस में एकीकृत परिवहन प्रणाली से जुड़े रहें, इसके लिए एपीएम (ऑटोमेटेड पैसेंजर मूवर) सुविधा विकसित करने की योजना पर दिल्ली एयरपोर्ट प्रबंधन एजेंसी डायल (DIAL) ने काम करना शुरू कर दिया है।

इसके तहत एपीएम सुविधा विकसित करने से जुड़ा टेंडर डायल ने जारी किया है। संभावना है कि जल्द ही परियोजना में हिस्सेदारी के लिए कई कंपनियां आगे आएंगी।

ढाई हजार करोड़ होंगे खर्च

एपीएम के तहत आईजीआई एयरपोर्ट के कार्गो सहित तीनों टर्मिनल व एयरोसिटी को एलिवेटेड ट्रेन लाइन से जोड़ने की बात सामने आई है। एक अनुमान के अनुसार, इस योजना को मूर्त रूप देने में करीब ढाई हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। यदि सब कुछ सही रहा तो इस परियोजना को वर्ष 2027 तक पूरा कर लिए जाने की बात कही जा रही है। एलिवेटेड लाइन की लंबाई करीब सात किलोमीटर होगी।

क्यों है जरूरी

आने वाले समय में टर्मिनल तीन को पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा। विदेश से यहां उतरने वाले यात्रियों को यदि दिल्ली से देश के किसी भी स्थान के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी है तो उसे या तो टर्मिनल-2 या फिर टर्मिनल-1 जाना होगा। अभी टर्मिनल-3 से टर्मिनल-1 के बीच कम से कम पांच किलोमीटर का फासला है। इस दूरी को तय करने के लिए केवल सड़क मार्ग ही विकल्प है।

मान लीजिए की आप पटना से नई दिल्ली आ रहे हैं और आपका विमान टर्मिनल-1 पर लैंड करता है। लैंडिंग के करीब एक घंटे बाद आपको मुंबई की कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी है, जिसके लिए आपको टर्मिनल-3 जाना है। अभी टर्मिनल-1 से टर्मिनल-3 जाने के लिए आपके पास शटल बस सेवा, टैक्सी या कैब का विकल्प उपलब्ध है।

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टैक्सी वाले आपसे मनमाना किराया लेंगे और शटल बस सेवा अपने नियत समय से ही चलेगी। शटल बस मोटे तौर पर हर 20 मिनट से आधे घंटे के अंतराल पर ही चलती है। यदि आप सोचेंगे कि आपको फौरन शटल बस टर्मिनल के बाहर मिल जाए तो आपको यहां दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। टर्मिनल-3 व 2 कहने के लिए एक दूसरे के नजदीक हैं, लेकिन इनके बीच की दूरी तय करने में यात्रियों को काफी दिक्कत होती है।