दिल्ली से कैसे तय समय में खत्म होंगे कूड़े के पहाड़? अब एमसीडी के सामने आई नई चुनौती
दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को हटाने की एमसीडी की योजना बारिश के कारण धीमी हो गई है। मई-जून में 23 हजार टन प्रतिदिन कचरा निस्तारित हो रहा था जो अब घटकर 7336 टन रह गया है। निगम 2019 से कूड़ा निस्तारण कर रहा है लेकिन कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई गई है। निगम का कहना है कि वे चुनौतियों का सामना करते हुए लक्ष्य पूरा करेंगे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में अगले दो वर्षों में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के एमसीडी के दावों के बीच वर्षा ने इसके निस्तारण की गति कम कर दी है। जहां मानसून आने से पहले मई-जून में 23 हजार टन प्रतिदिन कूड़े का निस्तारण किया जा रहा था वहां अब एक दिन में 7336 टन प्रतिदिन ही निस्तारण हो रहा है।
यही गति रही तो निगम का जो लक्ष्य इन लैंडफिल साइटों को खत्म करने का वह पूरा हो पाना मुश्किल है। हैरानी की बात है कि 2019 से दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों के निस्तारण का कार्य हो रहा है।
लेकिन इतने वर्षों में निगम द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई गई। हालांकि महापौर राजा इकबाल सिंह का कहना है कि निगम ने अपनी योजना मानसून समेत सभी चुनौतियों को देखकर ही बनाई है। हम तय समय पर लक्ष्य पूरा कर लेंगे।
दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कूड़े को ट्रामल मशीनों से निस्तारण किया जाता है। इसमें लैंडफिल साइट पर पड़े पुराने कचरे को खोदकर निकाला जाता है और उसे बेल्ट के जरिये जालीदार मशीन पर कूड़ा सूखाकर भेजा जाता है।
इससे जो मिट्टी (इनर्ट) होती है वह छनकर नीचे आ जाती है। जबकि प्लास्टिक, लोहा और मलबा समेत अन्य वस्तुएं अलग-अलग हो जाती है। लेकिन, जब वर्षा होती है तो कूड़े को सुखाना मुश्किल होता है। ऐसे में जब वर्षा होती है तो लैंडफिल साइटों क निस्तारण का काम धीमा हो जाता है।
रोज कितने कूड़े का हो रहा निस्तारण?
निगम की दिल्ली सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार मई माह में भलस्वा लैंडफिल पर औसतन प्रतिदिन 9835 टन, ओखला पर 7317 और गाजीपुर लैंडफिल पर 3996 टन प्रतिदिन कचरा निस्तारण हो रहा था। जो कि अब भलस्वा लैंडफिल 1859 टन प्रतिदिन, ओखला पर 3173 और 2304 टन प्रतिदिन गाजीपुर लैंडफिल पर निस्तारण हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि निगम ने दिसंबर 2026 तक भलस्वा लैंडफिल पर 18 ट्रामल मशीनें लगा रखी हैं। इसमें 43.56 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जाना है। इसी तरह गाजीपुर लैंडफिल पर 80.59 मीट्रिक टन शेष बचे कूड़े का 28 ट्रामल मशीनों से निस्तारण किया जा रहा है।
निगम ने इसे खत्म करने का लक्ष्य दिसंबर 2027 रखा है। ओखला लैंडफिल पर 28.21 मीट्रिक टन शेष बचे कूड़े का 16 ट्रामल मशीनों से निस्तारण किया जा रहा है।जुलाई 2026 तक निगम ने इसको पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है।
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