दिल्ली मेडिकल काउंसिल पर एलजी का बड़ा फैसला, सरकार के प्रस्ताव को दी मंजूरी
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने कथित अनियमितताओं के चलते दिल्ली मेडिकल काउंसिल को भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। स्वास्थ्य विभाग को दो महीने में पुनर्गठन का निर्देश दिया गया है। डीएमसी पर रजिस्ट्रार की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने जैसे अनियमितताओं के आरोप हैं जिसके चलते यह कार्रवाई की गई है। डीएमसी दिल्ली में चिकित्सा पद्धति को विनियमित करने का कार्य करती है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना ने कथित अनियमितताओं के मद्देनजर दिल्ली मेडिकल काउंसिल को भंग करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि पूरी प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूरी हो जाए।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डीएमसी अधिनियम, 1997 की धारा 29 के तहत दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) पर नियंत्रण की मांग करते हुए एलजी को एक प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव में काउंसिल को भंग करने की सिफारिश की गई थी।
स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल अधिनियम, 1997 की धारा 29 के तहत एक निश्चित अवधि के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल को भंग करने की मांग की थी।
विभाग को भेजे गए नोट में, सक्सेना ने उल्लेख किया कि डीएमसी ने सरकार की मंजूरी के बिना रजिस्ट्रार की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी थी और 1 दिसंबर, 2024 से एक वर्ष के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था।
इस साल फरवरी में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए, डीएमसी ने केवल इतना कहा कि संबंधित अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन "अनधिकृत विस्तार" पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सामान्य सेवानिवृत्ति आयु से पांच साल अधिक सेवा करनी पड़ी, एलजी के नोट में कहा गया है।
एलजी के नोट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के नोट से यह स्पष्ट है कि डीएमसी ने अधिनियम द्वारा उसे प्रदत्त शक्तियों का अतिक्रमण और दुरुपयोग किया है। तदनुसार, मैं मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित दिल्ली मेडिकल काउंसिल को भंग करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव से सहमत हूं।
सक्सेना ने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली मेडिकल काउंसिल के दो पदेन सदस्य काउंसिल में बने रह सकते हैं और डीजीएचएस को बीच की अवधि के लिए रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
दिल्ली मेडिकल काउंसिल एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है जो राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सा पद्धति को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। यह सुनिश्चित करता है कि निजी डॉक्टर मरीज की सुरक्षा के लिए नैतिक मानकों को बनाए रखें।

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