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    पिता की अस्थियां बहाने गए एएसआई पैर फिसलने से यमुना में बहे, गाेताखोर तलाश में जुटे

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 10:55 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस के एएसआई संजय कुमार ठाकुर यमुना में डूब गए। वह पिंडदान करने गए थे और स्नान करते समय लापता हो गए। एनडीआरएफ और गोताखोरों की मदद से उनकी तलाश जारी है लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि घाट का यह हिस्सा खतरनाक है।

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    पिता की अस्थियां बहाने गए एएसआई पैर फिसलने से यमुना में डूबे।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यमुना किनारे पिता की अस्थियां बहाने गए दिल्ली पुलिस के एएसआई यमुना में बह गए। उनकी पहचान बुराड़ी के संजय कुमार ठाकुर के रूप में हुई है।

    वह पुराने वजीराबाद पुल के पास घाट पर पिंडदान करने पहुंचे थे और फिर वापस नहीं लौटे। उनकी बाइक और कपड़े घाट पर पड़े मिले।

    आशंका जताई जा रही है कि पैर फिसलने से वह यमुना में डूब गए हैं। गोाखाेरों की मदद से उनकी काफी तलाश की गई लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

    उपायुक्त राजा बांठिया के मुताबिक, मूल रूप से बिहार के रहने वाले और दिल्ली के बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव में परिवार संग रह रहे 48 वर्षीय संजय कुमार ठाकुर तीस हजारी कोर्ट की सिक्योरिटी ड्यूटी में तैनात थे।

    बुधवार सुबह वह तीसरे दिन के श्राद्ध पिंडदान के लिए पुराने वजीराबाद पुल के पास यमुना घाट पहुंचे थे। उनके साथ परिचित पंडित संजय भारती मौजूद थे। पंडित ने बताया कि संजय ने पूजा का सामान उनके पास रखवाया और फिर स्नान के लिए नदी में उतर गए।

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    इसके बाद वे दोबारा वापस नहीं आए। पंडित का कहना है कि वे दूसरे श्रद्धालुओं की पूजा में व्यस्त हो गए और ध्यान ही नहीं रहा कि संजय लौटे या नहीं। करीब 11 बजकर 56 मिनट पर संजय के बेटे शशि ने पीसीआर काॅल कर पिता की गुमशुदगी की सूचना दी।

    उसने बताया कि पिता सुबह से घर नहीं लौटे हैं। उनकी बाइक और कपड़े घाट पर रखे हैं, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल रहा। यह काॅल पहले वजीराबाद थाने में दर्ज हुई, फिर तिमारपुर थाना ट्रांसफर कर दी गई।

    सूचना मिलते ही एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची। यमुना में घंटों तलाशी ली गई लेकिन संजय का कोई सुराग नहीं मिला।

    पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घाट का यह हिस्सा बेहद खतरनाक है। पानी गहरा है और तल कीचड़ से भरी है। ऐसे में संभावना है कि स्नान करते समय उनका पैर फिसल गया हो और वे गहरे पानी में चले गए हों।

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