Delhi News: भीषण गर्मी में आश्रय गृहों की स्थिति बेहाल, जिलाधिकारी ने 23 मई तक मांगी रिपोर्ट
दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच आश्रय गृहों की हालत खराब है। एलएनजेपी अस्पताल के पास स्थित आश्रय गृह में कूलर खराब हैं और ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं है। आसफ अली रोड स्थित आश्रय गृह में पंखों की खराबी की शिकायतें हैं। मीना बाजार स्थित महिला आश्रय गृह में शौचालय निर्माण अधूरा है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को तत्काल सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। राजधानी में भीषण गर्मी अपने चरम पर है। लेकिन दिल्ली शहरी सुधार बोर्ड (डीयूएसआइबी) के अधीन संचालित आश्रय गृहों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इन आश्रय गृहों में रहने वाले हजारों लोगों को न केवल गर्मी से जूझना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
एलएनजेपी अस्पताल के सामने स्थित आश्रय गृह की स्थिति बेहद खराब है। यहां लगे पांच कूलरों में से चार खराब पड़े हैं और एक कूलर महज नाम मात्र का हवा दे रहा है। पंखे भी इतनी धीमी गति से चलते हैं कि गर्मी से राहत नहीं मिलती। इतना ही नहीं, इन आश्रय गृहों में ठंडे पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। मजबूरन लोग सामान्य गर्म पानी पीने को विवश हैं।
मध्य दिल्ली के 65 आश्रय गृहों में कितने लोग रहते हैं?
कुछ लोग गर्मी और बदहाल स्थिति के कारण अस्पतालों में इलाज के लिए भी पहुंच रहे हैं। आसफ अली रोड स्थित आश्रय गृह में रहने वालों का कहना है कि पंखों की खराबी की शिकायत कई बार की गई, लेकिन कोई भी मरम्मत के लिए नहीं आया। अंततः वहां के केयरटेकर ने निजी प्रयासों से पंखे ठीक कराए।
यही नहीं, पीने के पानी के लिए आरओ भी लोगों ने अपने खर्च से लगवाया है। जामा मस्जिद के पास मीना बाजार स्थित महिलाओं के लिए बनाए गए आश्रय गृह की स्थिति और भी चिंताजनक है। यहां पिछले एक महीने से शौचालय निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है, जिससे महिलाओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों को सख्त निर्देश
मध्य दिल्ली के जिलाधिकारी ने जिले के 65 आश्रय गृहों का संचालन कर रहे अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी आश्रय गृहों में जल्द से जल्द आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि किसी व्यक्ति की जान किसी लापरवाही के कारण जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा सभी आश्रय गृहों का निरीक्षण किया जाएगा, और उससे पहले एक विस्तृत रिपोर्ट 23 मई को सौंपनी होगी।
इन आश्रय गृहों में 20 से लेकर 450 लोगों तक के रहने की व्यवस्था है। सबसे बड़ा आश्रय गृह फतेहपुरी में स्थित है, जहां लगभग 450 लोग निवास करते हैं। वर्तमान में दिल्ली के इन आश्रय गृहों में कुल 3,000 से अधिक लोग रहते हैं, जिनमें महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है।

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