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    Delhi Stampede: क्यों बेचे एक्सट्रा टिकट? कोर्ट ने सबको लताड़ा; भीड़ जुटाने पर जांच के दिए आदेश

    Updated: Wed, 19 Feb 2025 07:32 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में हुई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रेलवे को अधिकतम यात्रियों की संख्या तय करने और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों की जांच रेलवे बोर्ड में उच्चतम स्तर पर की जाए और उसके बाद हलफनामा दायर किया जाए।

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने भगदड़ मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ को लेकर एक जनहित याचिका में रेलवे से अधिकतम यात्रियों की संख्या तय करने और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री की जांच करने को कहा।

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    पीठ ने जांच का दिया आदेश

    मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने आदेश दिया कि याचिका में उठाए गए मुद्दों की जांच, रेलवे बोर्ड में उच्चतम स्तर पर की जाए और उसके बाद प्रतिवादी द्वारा हलफनामा दायर किया जाए, जिसमें रेलवे बोर्ड द्वारा लिए जा सकने वाले निर्णयों का ब्योरा दिया जाए।

    अब 26 मार्च को होगी अगली सुनवाई 

    अदालत ने कहा कि जनहित याचिका हाल ही में हुई भगदड़ की घटना तक सीमित नहीं है, क्योंकि इसमें एक डिब्बे में अधिकतम यात्रियों की संख्या और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री के संबंध में मौजूदा कानूनी प्रविधानों को लागू करने की मांग की गई है। अगर कानूनी प्रविधानों को पर्याप्त रूप से लागू किया जाता, तो भगदड़ की ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था। इस मामले की सुनवाई 26 मार्च को होगी।

    मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर विचार किया जाएगा

    सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले को विरोधात्मक तरीके से नहीं लिया गया और रेलवे कानून का पालन करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि यह एक अभूतपूर्व स्थिति थी और अदालत को आश्वासन दिया कि जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर विचार किया जाएगा।

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    निर्देश देने की मांग की गई

    अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में केंद्र और अन्य अधिकारियों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की 2014 की रिपोर्ट के कार्यान्वयन और विचार के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, जो कार्यक्रमों और सामूहिक सभा के स्थानों पर भीड़ का प्रबंधन पर है।

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