दिल्लीवालों के हित में रेखा सरकार का बड़ा फैसला, गलत वजन पर भारी जुर्माना; हरकत में आए दुकानदार
दिल्ली सरकार खुले और पैकेटबंद सामान के लिए गलत वजन और माप के उपयोग पर जुर्माना बढ़ाने की तैयारी कर रही है। नए नियमों में फेरीवालों को भी शामिल किया गया है जिन पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। खुदरा और थोक विक्रेताओं के साथ पेट्रोलियम उद्योग के लिए भी जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है। सरकार ने इस संबंध में लोगों से सुझाव मांगे हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार खुले और पैकेटबंद सामान के लिए गैर-मानक वजन और माप के उपयोग के खिलाफ निर्धारित दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर जुर्माना बढ़ाने की तैयारी में है। संशोधित नियमों के मसौदे में फेरीवालों को भी शामिल किया गया है, जिन पर तय वजन, माप और संख्या का उल्लंघन करने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान होने जा रहा है।
शनिवार को जारी दिल्ली विधिक माप विज्ञान (प्रवर्तन) संशोधन नियम, 2025 की मसौदा अधिसूचना के अनुसार हितधारक एक महीने के भीतर दिल्ली सरकार के नियंत्रक कानूनी माप विज्ञान को अपनी आपत्तियां और सुझाव दे सकते हैं, जिसके बाद सरकार इसे लागू करने पर विचार करेगी।
मसौदा अधिसूचना में खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और डीलरों, निर्माताओं, आयातकों, पेट्रोलियम उत्पाद दुकानों और सरकारी एजेंसियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए मौजूदा जुर्माने को दोगुना या कई गुना बढ़ाने का प्रस्ताव है।
इसमें फेरीवालों द्वारा गैर-मानक बाट या माप का उपयोग करने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। संशोधनों में दिल्ली विधिक माप विज्ञान (प्रवर्तन) संशोधन नियम 2011 की अनुसूची 11 में बदलाव शामिल हैं। उपराज्यपाल ने पिछले साल नवंबर में संशोधन नियमों के मसौदे को मंजूरी दी थी।
ऐसे बढ़ेगा जुर्माना
इसके तहत गैर-मानक वजन या माप का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं और निर्माताओं पर जुर्माना बढ़ाया गया है। खुदरा विक्रेता के लिए यह 2,500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये, थोक विक्रेता के लिए 10,000 रुपये और पेट्रोलियम उद्योग (खुदरा आउटलेट, टैंकर, गैस स्टेशनों और भंडारण डिपो सहित) के लिए 50,000 रुपये कर दिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और बैंकों सहित सरकारी संगठनों के लिए जुर्माना 25,000 रुपये होगा।
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