चालान काटना ही जरूरी नहीं, लोगों को जिम्मेदार चालक बनाना भी जरूरी; दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जागरूकता अभियान पर दिया जोर
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस राजधानी में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत पुलिस लोगों को जिम्मेदार चालक और समझदार यात्री बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। पुलिसकर्मी स्कूलों कॉलेजों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 'स्मार्ट ड्राइव करें, सुरक्षित रहें - सुरक्षित दिल्ली के लिए साथ मिलकर' के नारे के साथ चल रहे इस अभियान का उद्देश्य केवल चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों को ज़िम्मेदार चालक और समझदार यात्री बनाना है।
यातायात मुख्यालय के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सत्यवीर कटारा के नेतृत्व में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें स्कूली बच्चे, एनसीसी कैडेट, सेना के जवान, ऑटो-टैक्सी चालक और आम नागरिक शामिल हुए।
हेलमेट जीवन रक्षक कवच
पुलिस की प्राथमिक चिंता दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा थी। रोहिणी, ब्रिटानिया चौक और मधु विहार समेत महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष हेलमेट अभियान चलाए गए। इस दौरान 3,700 से ज़्यादा बाइक सवारों और उनके साथियों को समझाया गया कि हेलमेट सिर्फ़ चालान से बचने का ज़रिया नहीं, बल्कि जान बचाने का कवच है। अधिकारियों ने कहा कि हर सवारी, हर जान मायने रखती है।
बच्चों ने बनाया सुरक्षा का आधार
पुलिस का मानना है कि बचपन से ही सड़क अनुशासन की नींव रखी जानी चाहिए। इसके लिए मोबाइल एजुकेशन वैन स्कूलों तक पहुँचीं। सीजीएसएस तुखमीरपुर, नेहरू विहार, सरस्वती को-एड प्रताप नगर और रोहिणी के स्कूलों में 1,195 छात्रों और 19 शिक्षकों ने प्रश्नोत्तरी और डेमो सत्रों में भाग लिया। बच्चों ने अपने अनुभव साझा किए और सड़क सुरक्षा का संकल्प लिया।
एनसीसी और सेना के जवानों को प्रशिक्षण
रोहिणी बटालियन के लगभग 500 एनसीसी कैडेटों को सुरक्षा नियमों और उपकरणों के महत्व पर प्रशिक्षित किया गया। कैडेटों ने संकल्प लिया कि वे परिवार और समाज में जागरूकता फैलाएँगे। इसी प्रकार, धौला कुआँ स्थित टीपीटी केंद्र में 70 सेना के ड्राइवरों और 4 अधिकारियों को सीट बेल्ट, भारी वाहनों की सुरक्षित ड्राइविंग और थकान से बचाव जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।
पुलिसकर्मियों और ड्राइवरों ने भी भाग लिया
अभियान में नए पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, 79 यातायात कर्मियों को 'सॉफ्ट स्किल्स' का एक सत्र दिया गया, जिसमें जनता से संवेदनशीलता और शालीनता से संवाद करने की कला सिखाई गई।
साथ ही, अशोक विहार, आनंद विहार और मधुबन चौक पर 235 ऑटो-टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों को लेन अनुशासन, महिला सुरक्षा और यात्रियों के साथ सभ्य व्यवहार का पाठ पढ़ाया गया।
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