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    New Delhi: Vivo के तीन अधिकारियों की रिहाई के आदेश... चुनौती देने हाई कोर्ट पहुंची ED, जानें क्या है मामला

    By Vineet Tripathi Edited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 06:30 AM (IST)

    वीवो-इंडिया के तीन अधिकारियों की रिहाई को लेकर निचली अदालत के द्वारा दिए गए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दिए गए आदेश को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि मंगलवार को जब मामला न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अवकाशकालीन पीठ के सामने आया तो उन्होंने मामले पर प्रतिवादी अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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    वीवो इंडिया के तीन अधिकारियों की रिहाई के आदेश के खिला चुनौती देने हाई कोर्ट पहुंची ईडी (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में वीवो-इंडिया (Vivo India) के तीन अधिकारियों की रिहाई से जुड़े निचली अदालत के आदेश को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में चुनौती दी है।

    मंगलवार को मामला न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष आया तो उन्होंने मामले पर प्रतिवादी अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

    30 दिसंबर को दिया था निर्देश

    इस मामले पर अदालत ने कहा कि अधिकारियों को पहले ही रिहा किया जा चुका है ऐसे में इस स्तर पर कोई एकतरफा अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। मामले में अगली सुनवाई तीन जनवरी को होगी।

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    30 दिसंबर को निचली अदालत ने वीवो इंडिया के तीन अधिकारियों अंतरिम सीईओ होंग जुक्वान उर्फ टेरी, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) हरिंदर दहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को रिहा करने का निर्देश दिया था।

    अदालत ने ये कहा था 

    अदालत ने पाया था कि सभी आरोपित अधिकारियों को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया था और ऐसे में उनकी हिरासत अवैध थी।

    हालांकि, ईडी ने अधिकारियों के तर्क का विरोध करते हुए कहा था कि तीनों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तारी के आधार दिए गए थे और गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर संबंधित अदालत में पेश किया गया था।

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    ईडी ने लगाया ये आरोप

    यह भी कहा था कि 21 दिसंबर को तीनों आरोपितों के परिसरों की तलाशी ली गई थी और इसके उन्हें पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय ले जाया गया। ईडी ने अदालत को बताया कि अगले दिन 22 दिसंबर को उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया था।

    ईडी का आरोप है कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए विवो-इंडिया द्वारा 62476 करोड़ रुपये अवैध रूप से चीन को हस्तांतरित किए गए थे।

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