हीरे से जड़े कलश चोरी के लिए कैसे रची गई साजिश? पकड़े गए शातिरों ने पूछताछ में उगला राज
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लाल किले के सामने 15 अगस्त पार्क में जैन समाज के धार्मिक अनुष्ठान से दो करोड़ के सोने के कलश चोरी मामले को सुलझा लिया है। मुख्य आरोपी भूषण वर्मा और उसके दो साथियों को हापुड़ से गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से चोरी किया गया एक कलश और पिघला हुआ सोना बरामद हुआ है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किला के ठीक सामने 15 अगस्त पार्क में चल रहे जैन समाज के धार्मिक अनुष्ठान से करीब दो करोड़ से अधिक कीमत के सोने, हीरे एवं रत्न जड़े तीन कलश चोरी होने का मामला आखिरकार पुलिस टीम ने सुलझा लिया।
क्राइम ब्रांच की टीम ने रविवार देर रात छापामारी करते हुए हापुड़ से मुख्य आरोपी भूषण वर्मा और उसके सहयोगी गौरव कुमार वर्मा और अंकित पाटिल को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी भी हापुड़ के ही रहने वाले हैं। इनके कब्जे से चोरी किया गया एक कलश, लगभग 150 ग्राम पिघला हुआ सोना और दस हजार रुपये नकद बरामद किए हैं।
वहीं, आरोपी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। मुख्य आरोपी भूषण बीते माह सात अगस्त को भी ऋषभ विहार में चल रहे जैन समाज के कार्यक्रम से 40 ग्राम का सोने का कलश चोरी किया था। वह जैन समाज के कार्यक्रमों को ही निशाना बनाता था क्याेंकि इन कार्यक्रमाें में सोने के कलश का इस्तेमाल हाेता है। वह इससे पहले भी वर्ष 2016 में बीएलके अस्पताल से पर्स चोरी करते पकड़ा गया था।
उपायुक्त पंकज सिंह के मुताबिक, 15 अगस्त पार्क में तीन सितंबर को धार्मिक समारोह से 760 ग्राम सोने और 150 ग्राम हीरे से जड़ा कलश और दो अन्य सोने के कलश चोरी हो गए थे। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच उत्तरी जिला पुलिस और अपराध शाखा की एक टीम संयुक्त रूप से कर रही थी।
वहीं, एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में और इंस्पेक्टर सतेंद्र पूनिया और इंस्पेक्टर सोहन लाल के नेतृत्व में टीम हापुड़ असौड़ा पहुंची और वैशाली एन्क्लेव से मास्टरमाइंड भूषण वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से 760 ग्राम सोने का कलश बरामद हुआ।
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पूछताछ में उसने अन्य दो सोने के कलश सर्राफ को बेचने की बात कुबूली। उसकी निशानदेही पर कलश का सोना पिघलाने वाले अंकित पाटिल और और पिघला हुआ सोना खरीदने वाले गौरव कुमार को भी गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से करीब 150 ग्राम पिघला हुआ सोना और दस हजार रुपये नकद बरामद हुए। पुलिस इनसे पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य आरोपी और बाकी सोने की बरामदगी को लेकर छापामारी कर रही है।
दो तीन दिन तक रेकी करने के बाद वारदात को दिया अंजाम
पूछताछ में पता चला कि आरोपित भूषण वर्मा जैन संत के भेस में समारहों में घुल-मिल जाता था। 15 अगस्त पार्क में चल रहे धार्मिक अनुष्ठान में उसने वारदात से दो तीन दिन पहले पहुंचकर रेकी की थी और कार्यक्रम की व्यवस्था और सुरक्षा खामियों का ठीक से जायजा लिया और पुजारियों के साथ तालमेल बिठाई और सेवादार के रूप काम किया। पकड़े न जाने के लिए उसने मोबाइल फोन ले जाने से परहेज किया और वारदात वाले दिन मौका देखकर कीमती कलश लेकर फरार हो गया।
यूट्यूब पर जैन मंदिर के कार्यक्रमों की जुटाता था जानकारी
पूछताछ में उसने बताया कि वह यूट्यूब और सोशल मीडिया पर जैन मंदिर के कार्यक्रमों की जानकारी जुटाता था। उसने वहीं से 15 अगस्त पार्क में 28 अगस्त से नौ सितंबर चलने वाले कार्यक्रम की जानकारी जुटाई। वह रोजाना हापुड़ से सुबह ही कार्यक्रम स्थल पहुंच जाता था और हर एक चीज पर नजर रखता था।
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