GST Refund: कारोबारियों के लिए खुशखबरी, अब तेजी से मिलेगा GST रिफंड; रजिस्ट्रेशन हुआ आसान
जीएसटी काउंसिल की बैठक में हुए फैसलों के अनुसार अब कारोबारियों को आयकर रिफंड की तरह ही बहुत कम समय में जीएसटी रिफंड मिलेगा। धोखाधड़ी रहित मामलों में रिफंड 7 दिनों में मिलेगा जिससे कार्यशील पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नए कारोबारियों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी आसान हो गया है अब 3 दिन में रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की बुधवार को हुई बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार अब कारोबारियों को आयकर रिफंड की तरह बेहद कम समय में जीएसटी रिफंड मिल जाएगा।
अप्रत्यक्ष कर विभाग के अनुसार, जिन मामलों में रिफंड को लेकर किसी तरह की धोखाधड़ी और संदेह की गुंजाइश नहीं है, उनमें सात दिनों के भीतर जीएसटी रिफंड दे दिया जाएगा।
इससे कार्यशील पूंजी की उपलब्धता बनी रहेगी। नए कारोबारियों के लिए जीएसटी नंबर लेने के लिए रजिस्ट्रेशन भी बेहद आसान कर दिया गया है। नए फैसले के अनुसार अब नए कारोबारी तीन दिन में जीएसटी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
विभाग का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसले की अधिसूचना अगले सप्ताह जारी हो सकती है।
कारोबारियों के पास जीएसटी दरों में बदलाव के हिसाब से अपना बही-खाता तैयार करने के लिए 15 दिन का समय है। ग्राहक जीएसटी देता है, कारोबारी केवल उसे ग्राहक से वसूल कर सरकार को देते हैं।
भुगतान और जेनरेट बिल के हिसाब से लगेगा जीएसटी
22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने जा रही हैं और 300 से अधिक वस्तुओं की दरों में बदलाव किया गया है।
कारोबारियों के पास पुराना स्टॉक भी है। ऐसे में व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है कि अगर वे माल पहले भेज देते हैं और भुगतान 22 सितंबर के बाद प्राप्त करते हैं तो उन्हें किस दर से जीएसटी देना होगा। व्यापारी अक्सर माल पहले भेज देते हैं और भुगतान बाद में लेते हैं। कई बार वे भुगतान पहले ले लेते हैं और माल बाद में भेजते हैं।
अप्रत्यक्ष कर विभाग ने इस मामले में व्यापारियों को स्पष्ट किया है कि अगर उन्होंने माल पहले भेजा है और उसका भुगतान या बिल 22 सितंबर के बाद जनरेट हुआ है तो नई दर से जीएसटी लागू होगा।
अगर भुगतान पहले किया जाता है और माल 22 सितंबर के बाद भेजा जाता है तो ऐसी स्थिति में मौजूदा दर से जीएसटी लागू होगा।
वहीं अगर कोई 22 सितंबर से पहले कच्चा माल खरीदता है तो उस पर 12 फीसदी का टैक्स लगता है। 22 सितंबर से उस कच्चे माल पर पांच फीसदी जीएसटी लगेगा। ऐसे में अगर व्यापारी 22 सितंबर के बाद भी अपना इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता है तो उसे 12 फीसदी की दर से इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।
- जल्द ही जीएसटी रिफंड से कारोबारियों को कार्यशील पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी
- 22 सितंबर से लागू होंगी नई जीएसटी दरें, 300 से ज़्यादा वस्तुओं की दरें बदलीं
नया जीएसटी करों का बोझ कम करने के प्रयासों का नतीजा
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी पर ऐतिहासिक फैसले को मोदी सरकार के करों का बोझ कम करने के निरंतर प्रयासों का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा- 2017 में भी जीएसटी लागू करके जनता को करों के जाल से मुक्ति दिलाने का काम किया गया था।
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