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    JNUSU 2025: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव मैदान में कौन-कौन? किस राज्य से और कितने पढ़े-लिखे हैं प्रत्याशी...

    Updated: Thu, 24 Apr 2025 06:36 PM (IST)

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव 2024-25 में विभिन्न समुदायों और पृष्ठभूमि से उम्मीदवार मैदान में हैं। अनुसूचित जाति पिछड़े वर्ग अल्पसंख्यक जम्मू के गुर्जर आदिवासी मुस्लिम महिलाएं और बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र शामिल हैं। आइसा-डीएसएफ एसएफआई- बापसा-एआईएसएफ एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच मुकाबला है। इस चुनाव में jnu के छात्र नेता बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।

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    हर क्षेत्र और समुदाय से हैं, जेएनयएसयू चुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवार

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) 2024-25 के चुनावों में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवार देश के हर कोने और विभिन्न समुदाय से संबंध रखते हैं।

    इसमें अनुसूचित जाति, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों से आने वाले छात्र उम्मीदवार बने हैं। जम्मू के गुज्जर समुदाय, आदिवासी, मुस्लिम महिला, बिहार की ग्रामीण पिछड़ा वर्ग की छात्रा और राजस्थान के आदिवासी छात्र इस उम्मीदवारों में शामिल हैं।

    चुनाव में मुकाबला आइसा-डीएसएफ के यूनाटेड लेफ्ट, एसएफआइ-बापसा-एआइएसएफ-पीएसए के अंबेडकराइट व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बीच है। एनएसयूआई ने भी हर पद पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।

    अध्यक्ष पद

    शिखा स्वराज (एबीवीपी): नवादा, बिहार की रहने वाली हैं। इन्होंने पटना साइंस कालेज से जीव विज्ञान में स्नातक शिक्षा प्राप्त की है। इसके बाद इन्होंने जेएनयू के स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज़ से 'पॉलिटिक्स विथ स्पेशलाइजेशन इन इंटरनेशनल स्टडीज' में स्नातकोत्तर पूर्ण किया।

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    वर्तमान में शिखा जेएनयू के अमेरिकन स्टडीज कार्यक्रम में शोधार्थी हैं। वर्तमान में जेएनयू एबीवीपी की महामंत्री हैं।

    चौधरी तैय्यबा अहमद (एसएफआई-बापसा अंबेडकराइट पैनल): जम्मू के पूंछ की गुज्जर समुदाय की पहली मुस्लिम आदिवासी महिला, जो कानून व शासन केंद्र में पीएचडी कर रही हैं।

    इंटरनेट कर्फ्यू के दौरान ऑनलाइन क्लासेज में बाधा से प्रेरित होकर उन्होंने डिजिटल विभाजन के खिलाफ अभियान चलाया।

    नीतीश कुमार (यूनाइटेड लेफ्ट): बिहार के ग्रामीण पिछड़ा वर्ग परिवार से आने वाले प्रथम पीढ़ी के छात्र, जिनका परिसर में कई आंदोलन में हिस्सा रहा। उन्होंने जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय के साथ 14 दिन की भूख हड़ताल में भाग लिया। यहीं से उनकी छवि मजबूत हुई।

    प्रदीप ढाका (एनएसयूआई): दिल्ली से विधि पृष्ठभूमि वाले स्नातकोत्तर छात्र, प्रशासन में पारदर्शिता व करियर काउंसलिंग पर जोर देते हैं।

    उपाध्यक्ष पद

    निट्ठू गौतम (एबीवीपी): तेलंगाना के कामारेड्डी जिले के रहने वाले हैं। इन्होंने लिंगयास विद्यापीठ, फरीदाबाद (हरियाणा) से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में स्नातक शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में जेएनयू के स्कूल आफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंसेज़ से कंप्यूटर विज्ञान विषय में पीएचडी कर रहे हैं।

    मनीषा (आइसा-डीएसएफ): हरियाणा की पहली पीढ़ी की दलित विद्वान हैं, जिन्होंने जेएनय तक पहुंचने के लिए प्रणालीगत जातिगत पूर्वाग्रह से लड़ाई लड़ी। लैंगिक न्याय और आरक्षण अधिकारों के लिए मुखर प्रचारक, वह ग्रामीण और हाशिए की पृष्ठभूमि से आने वाले कई लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।

    संतोष कुमार (एसएफआई-एआईएसएफ): एसएलएलएंडसीएस में पीएचडी स्कोलर हैं।

    मोहम्मद कैफ (एनएसयूआई): फ्रेटरनिटी मूवमेंट के साथ प्रगतिशील गठबंधन में उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है। यह रणनीतिक गठबंधन विभिन्न समुदायों में लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष छात्र ताकतों के बीच एकता पर जोर देता है।

    महासचिव पद

    राम निवास गुर्जर (वाम-आंबेडकरवादी): वह कानून और शासन विभाग में शोध छात्र हैं।

    मुंतहा फातिमा (यूनाइटेड लेफ्ट): एसआइएस में अंतरराष्ट्रीय संबंधों की छात्रा, अल्पसंख्यक अधिकारों व समावेशिता की वकालत करती रही हैं।

    अरुण प्रताप (एनएसयूआई): महासचिव पद के लिए सेंटर फार हिस्टोरिकल स्टडीज से पीएचडी कर रहे दलित छात्र नेता अरुण प्रताप को नामित किया है। अरुण सामाजिक न्याय के लिए अपनी मजबूत वकालत के लिए जाने जाते हैं।

    कुणाल राय (एबीवीपी): मूलतः छपरा, बिहार के रहने वाले हैं। इन्होंने डीयू के शहीद भगत सिंह कालेज से राजनीति शास्त्र में स्नातक किया है। वर्तमान में जेएनयू के स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज में शोधार्थी हैं। यह एक किसान परिवार से आते हैं।

    संयुक्त सचिव पद

    वैभव मीना (एबीवीपी): मूलतः करौली, राजस्थान के रहने वाले हैं और एक जनजातीय किसान परिवार से आते हैं। इन्होंने अपनी स्नातक शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से प्राप्त की है। वर्तमान में जेएनयू के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के भारतीय भाषा केंद्र में हिन्दी साहित्य विषय के शोधार्थी हैं।

    नरेश कुमार (यूनाइटेड लेफ्ट): बिहार के मजदूर वर्ग से छात्रवृत्ति व छात्रावास सुविधाओं के अभियान में सक्रिय।

    सलोनी खंडेलवाल (एनएसयूआइ): हर क्षेत्र और समुदाय से हैं, जेएनयएसयू चुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवार

    निगम कुमारी (अम्बेडकराइट): पीएसए की सदस्य हैं। एमए की छात्रा हैं। एसएलएल और सीएस की काउंसलर रह चुकी हैं।

    इस चुनाव में स्वतंत्र प्रत्याशी भी अपनी बात रख रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश की यारी नामय, जो पूर्वोत्तर के छात्रों की उपस्थिति व आवाज की पैरवी कर रही हैं।