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'अभी भी कन्हैया जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे हैं', दिल्ली धर्म संसद में देवकी नंदन ठाकुर का दावा

सनातन धर्म संसद में संतों ने सनातन बोर्ड के गठन और हिंदू धर्म की रक्षा की मांग की। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा अभी भी कन्हैया जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे हैं। संसद में मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की विवादों से मुक्ति हिंदू लड़कियों की शादी हिंदू परिवारों में ही हो धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए आर्थिक मदद जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।

By Nikhil Pathak Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 16 Nov 2024 10:42 PM (IST)
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देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने न्यू उस्मानपुर के पांचवें पुश्ते पर शनिवार को आयोजित सनातन धर्म संसद में कही।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। सनातन बोर्ड की मांग को लेकर यमुनापार स्थित न्यू उस्मानपुर के पांचवां पुश्ता में शनिवार को सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया। देश के अधिकतर मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण है। उनमें कार्यरत सरकारी अधिकारियों को धर्म व पूजन विधि का क, ख, ग का ज्ञान नहीं है और न ही वे मंदिरों की देखरेख व रक्षा कर पाने में सक्षम हैं। हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु की चर्बी की मिलावट होना भी इसी लापरवाही को दर्शाता है। ऐसी घटना दोबारा न हो सके, इसके लिए सरकार को जल्द से जल्द सनातन बोर्ड का गठन करना चाहिए। बोर्ड के गठन होने से गुरुकुल परंपरा को जागृत किया जाएगा, गोशालाएं बनाई जाएंगी।

उक्त बातें सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष व कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने न्यू उस्मानपुर के पांचवें पुश्ते पर शनिवार को आयोजित सनातन धर्म संसद में कहीं। इसका आयोजन सनातन न्यास फाउंडेशन के तत्वाधान में किया गया था। इसमें 13 अखाड़ों से संत पहुंचे थे। पहली धर्म संसद इसी वर्ष 25 फरवरी को दिल्ली व दूसरी धर्म संसद ऋषिकेश में 23 जून को आयोजित की गई थी।

मथुरा में अपने कन्हैया का भव्य मंदिर बनाओ: देवकीनंदन ठाकुर

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की विवादों से मुक्ति भी इस धर्म संसद का विषय था। इस पर बोलते हुए देवकीनंदन ने पंडाल में मौजूद भक्तों से कहा कि अभी भी कन्हैया जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे हैं। यदि आपका जमीर जिंदा है तो फिर मथुरा में अपने कन्हैया का भव्य मंदिर बनाओ। इसके अलावा उन्होंने हिंदू लड़कियों की शादी हिंदू परिवारों में ही हो, ऐसा कानून बनाने की भी मांग की।

एकजुट होकर हिंदुओं की संख्या बढ़ानी है: देवकीनंदन ठाकुर

उन्होंने कहा कि जिनका धर्म परिवर्तन हो रहा है, उन्हें सनातन बोर्ड के जरिए आर्थिक मदद करके धर्म परिवर्तन को रोकना है। चूंकि घटता हुआ हिंदू, देश के लिए खतरा है, इसलिए एकजुट होकर हिंदुओं की संख्या बढ़ानी है। साथ ही कहा कि जो लोग हलाल सर्टिफिकेट लेकर सामान बेच रहे हैं, हिंदू समाज को उसका बहिष्कार करना है। देवकीनंदन ने ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ नारे के साथ-साथ ‘बहुत सह लिया अब नहीं सहेंगे, हिंदू हक अब लेकर रहेंगे’ का नारा भी दिया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर महाराज, अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि, कौशिक महाराज व अन्य संत मौजूद हैं।

एक हो गए तो कोई अलग नहीं कर सकता: शंकराचार्य सदानंद

सनातन धर्म संसद में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जब तक सबसे पहले सनातन धर्म, हिंदू धर्म के प्रति निष्ठा नहीं होगी, तब तक बोर्ड के गठन की सफलता नहीं मिलेगी। यदि हम एक हो जाते हैं, संगठित हो जाते हैं, तो कोई भी हमें अलग नहीं कर सकता है और कोई हमें आंख भी नहीं दिखा सकता है। गोमाता की रक्षा करनी चाहिए, शिक्षा का भारतीयकरण होना चाहिए, यज्ञशाला, पाठशाला, गुरुकुल की परंपरा फिर शुरू होनी चाहिए। हम सनातनियों को प्राचीन वैदिक परंपरा को संरक्षित करना होगा। जिस प्रकार धर्मी में धर्म होना चाहिए, जल में जलत्व होना चाहिए, उसी प्रकार हिंदू में हिंदुत्व होना चाहिए, तभी सनातन धर्म की रक्षा होगी।

विभिन्न संतों के बयान

जब लोग संतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो तत्काल ही सनातन बोर्ड का गठन होगा। वर्तमान में हमारे संस्कारों और विचारों की सरकार है। ऐसे में जल्द ही बोर्ड का गठन होने की उम्मीद है। - राजू दास महाराज, हनुमानगढ़ी महंत

राष्ट्र बचाने की जिम्मेदारी अब लोगों की है। हिंदुओं को जागना होगा। सनातनियों के लिए अपने सदस्यों की, स्वयं की, परिवार की, राष्ट्र की रक्षा प्राथमिकता है। शास्त्रों और शस्त्रों का साथ बनाकर चलना होगा। - पंडित प्रदीप मिश्रा

सनातनियों को दूसरे समुदायों के बजाय विपक्षी नेताओं से अधिक खतरा है। वैसे तो न हम किसी को काटते हैं और न ही डांटते हैं, लेकिन हमें बांटने वालों और काटने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं। - गोविंद देव गिरी जी महाराज, कोषाध्यक्ष, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट, अयोध्या

वक्फ बोर्ड ऐसा बोर्ड है, जिसकी भारत की भूमि से कोई लेना देना नहीं है। यह बोर्ड पूरा असंवैधानिक है। सनातन बोर्ड होगा, लेकिन वक्फ बोर्ड का नामोनिशान नहीं होगा। सनातन बोर्ड गठित होने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता है। यदि समय से होगा तो बढ़िया है, अन्यथा हमें साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनानी होगी। - साध्वी सरस्वती

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